तिरुवनंतपुरम, 24 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर श्री नारायण धर्म परिपालना (एसएनडीपी) के भगवाकरण की कोशिश करने का मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा आरोप लगाये जाने के बाद एसएनडीपी महासचिव वेल्लापल्ली नटेसन ने कहा है कि वह इसका न तो भगवाकरण होने देंगे और न ही इसे लाल रंग में रंगने देंगे।
एसएनडीपी अच्छी खासी संख्या वाले इझावा समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाला संगठन है।
एसएनडीपी योगम महासचिव ने माकपा पर पलटवार करते हुए यह आरोप भी लगाया कि वह आम आदमी को भूल गयी जिसके कारण इस साल लोकसभा चुनाव में उसकी इतनी बड़ी हार हुई।
नटेसन ने यह भी आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय को तुष्ट करने के लिए माकपा जो कुछ कर सकती है, वह कर रही है और उसे ‘तिहरा प्रोत्साहन’ दे रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर जो अल्पसंख्यक समुदाय से हैं, उनके लिए पार्टी उससे भी बढ़कर कर रही है।
उन्होंने दलील दी कि पार्टी के इन्हीं कृत्यों से उसके उन कार्यकर्ताओं के मन में निराशा की भावना घर कर गयी जिन्होंने पार्टी के लिए अपना खून-पसीना बहाया था।
वह माकपा के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन की हाल की इन टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि भाजपा ने एसएनडीपी का राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल किया और उसका भगवाकरण करने का प्रयत्न किया।
गोविंदन ने आरोप लगाया था, ‘‘ भाजपा की नीति जाति के आधार पर बांटने की है। श्री नारायण धर्म परिपालना योगम समाज सुधारक श्री नारायण गुरु द्वारा शुरू किया गया आंदोलन था जिसका अब भाजपा द्वारा सांप्रदायीकरण किया जा रहा है और इसके लिए वह बीडीजेएस को औजार के रूप में इस्तेमाल कर रही है।’’
एसएनडीपी महासचिव नटेसन ने भारत धर्म जनसेना (बीडीजेएस) की स्थापना की थी जिसकी अगुवाई उनके बेटे तुषार वेल्लापल्ली कर रहे हैं। बीडीजेएस केरल में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का घटक है।
गोविंदन ने उम्मीद जतायी थी कि एसएनडीपी श्री नारायण गुरु के आंदोलन का भगवाकरण होने से रोकेगा।
गोविंदन के बयान से पहले माकपा ने लोकसभा चुनाव में उसके नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के प्रदर्शन की समीक्षा की थी । इस चुनाव में एलडीएफ को एकमात्र सीट मिली। माकपा ने समीक्षा में पाया कि अलप्पुझा और अटिंगल जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा ने उसके वोट में भारी सेंध लगायी। इन निर्वाचन क्षेत्रों में इझावा समुदाय एलडीएफ का मुख्य आधार हुआ करता था।
भाषा राजकुमार नरेश
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