scorecardresearch
Tuesday, 7 May, 2024
होमदेशएनजीटी ने अधिकारियों को उत्तर प्रदेश में गंगा के डूब क्षेत्रों में सीमांकन तेज करने का निर्देश दिया

एनजीटी ने अधिकारियों को उत्तर प्रदेश में गंगा के डूब क्षेत्रों में सीमांकन तेज करने का निर्देश दिया

Text Size:

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने संबंधित अधिकारियों को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में गंगा और राम गंगा नदियों के डूब क्षेत्रों के सीमांकन में तेजी लाने का निर्देश दिया है।

अधिकरण एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि ऊर्जा क्षेत्र की एक सरकारी कंपनी जिले के मुंडा पांडे ब्लॉक के मिलक खड़कपुर बाजे गांव में नदियों के बाढ़ संभावित क्षेत्र में अवैध निर्माण कर रही है।

गंगा की सहायक नदी राम गंगा उत्तराखंड से निकलती है और बिजनौर जिले में उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है।

मुरादाबाद के जिलाधिकारी और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की फरवरी में आई एक रिपोर्ट के अनुसार ‘गेल’ द्वारा एक पाइपलाइन का निर्माण किया जा रहा है।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि ट्रिब्यूनल के पहले के निर्देशों के अनुसार, जिला मजिस्ट्रेट ने एक और रिपोर्ट दायर की, जिसमें कहा गया कि डूब क्षेत्र के सीमांकन के लिए रुड़की में राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच) को 1.12 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।

एनआईएच के अनुसार बाढ़ संभावित क्षेत्र के सीमांकन के लिए भू-निर्देशकों को 12 महीने के अंदर चिह्नित कर लिया जाएगा। इसके बाद सीमांकन प्रक्रिया शुरू होगी।

भाषा वैभव रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments