scorecardresearch
Monday, 17 June, 2024
होमदेशईडी ने मनरेगा कोष गबन मामले में झारखंड में छापेमारी की, 19 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद

ईडी ने मनरेगा कोष गबन मामले में झारखंड में छापेमारी की, 19 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद

Text Size:

नयी दिल्ली/रांची, छह मई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा कोष में 18 करोड़ रुपये से अधिक के कथित गबन से जुड़े धन शोधन के एक मामले में झारखंड की खनन सचिव पूजा सिंघल और उनके परिवार के परिसर सहित कई अन्य ठिकानों पर बृहस्पतिवार को छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एजेंसी ने राज्य की राजधानी रांची में दो परिसरों पर छापेमारी के दौरान कुल 19.31 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की।

अधिकारियों ने कहा कि रांची में रहने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट-वित्तीय सलाहकार के परिसर से लगभग 17.51 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं, जिनके सिघंल और उनके परिवार के साथ संबंधों की जांच की जा रही हैं।

अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा शहर में एक अन्य स्थान से 1.8 करोड़ रुपये नकदी बरामद की गई है।

मामला 2008 से 2011 के बीच का है।

उन्होंने बताया कि झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और कुछ अन्य राज्यों में 18 परिसरों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की जा रही है।

अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी एवं झारखंड सरकार के खदान एवं भूविज्ञान विभाग की सचिव पूजा सिंघल के परिसर की भी तलाशी की जा रही है।

सिंघल 2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और पहले खूंटी जिले में उपायुक्त के रूप में तैनात थीं।

एजेंसी के अधिकारियों द्वारा रांची में एक अस्पताल सहित कुछ अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की जा रही है। केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल के कर्मी उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।

झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि छापेमारी से पता चलता है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने ”भ्रष्टाचार के मामले में पिछली मधु कोड़ा सरकार को पीछे छोड़ दिया है।”

ईडी ने कोड़ा को 2009 में धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था।

दुबे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”इससे राज्य में भ्रष्टाचार के स्तर का पता चलता है…राज्य में बिना धन और रिश्वत के कुछ नहीं होता।”

ईडी की छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब ”ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियां ​​​​मुखिया और सरपंच के पास भी पहुंचेंगी।”

सोरेन ने कहा, ”भारतीय जनता पार्टी एक नयी राजनीतिक परिभाषा गढ़ने की कोशिश कर रही है…उनकी मंशा किसी से छिपी नहीं है…”

छापेमारी जिस धन शोधन के मामले में की जा रही है, वह झारखंड के कनिष्ठ अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए के तहत दर्ज मामले से जुड़ा है। पीएमएलए के तहत मामला दर्ज होने के बाद सिन्हा को 17 जून 2020 को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया था।

केंद्रीय एजेंसी ने झारखंड सतर्कता ब्यूरो द्वारा सिन्हा के खिलाफ दर्ज की गई 16 प्राथमिकी और आरोपपत्रों का संज्ञान लिया था। इनमें सिन्हा पर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने, जालसाजी और धन की हेराफेरी के जरिये 18.6 करोड़ रुपये के सरकारी धन का गबन करने का आरोप लगाया गया था।

सिन्हा से पूछताछ करने के बाद अगस्त 2020 में एजेंसी ने उनके खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने 4.28 करोड़ रुपये की उनकी सम्पति भी जब्त की है।

भाषा जोहेब माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments