कोलकाता, 23 मई (भाषा) पेट्रोल एवं डीजल पर कर में कटौती के बाद पश्चिम बंगाल के खजाने को 1141 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा करते हुये राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र पर राज्यों को उनके बकाये का भुगतान करने में भाजपा शासित राज्यों को कथित रूप से पक्ष लेने के लिए निशाना साधा।
ममता का यह बयान ऐसे समय आया है जब दो दिन पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में आठ रुपये प्रति लीटर और डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। केंद्र सरकार के इस कदम के बाद पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में कुछ हद तक कमी आई है। जब केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क में कटौती करती है तो राज्यों को भी होने वाली कमाई का नुकसान होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘(केंद्र सरकार के इस कदम से पश्चिम बंगाल में) राज्य के कर में पेट्रोल पर 1.80 रुपये और डीजल पर 1.03 रुपये की स्वत: ही कटौती हो गयी है। हम दोनों ईंधनों पर एक रुपये प्रति लीटर की दर से छूट दे रहे हैं। इस प्रकार, पेट्रोल पर कुल छूट 2.80 रुपये और डीजल पर 2.03 रुपये हो जाती है।’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार डीजल पर 17 फीसदी और पेट्रोल पर 25 फीसदी वैट लगाती है। उन्होंने कहा, “एक रुपये की छूट के कारण लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद, हमें कुल 1,141 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने वाला है।”
उन्होंने सवाल किया कि केंद्र सरकार ने ईंधन पर से उप कर क्यों नहीं घटाया। उल्लेखनीय है कि उप कर में राज्य की हिस्सेदारी नहीं होती है।
ममता ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा शासित राज्यों को केंद्र द्वारा दी गई रियायत विपक्षी दलों के शासित राज्यों को नहीं दी जाती है। हमें हमारा बकाया नहीं मिल रहा है। हमें जो मिलना है, केंद्र हमें उससे वंचित कर रहा है ।’’
भाषा रंजन रंजन वैभव अमित
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