गुवाहाटी, 20 अप्रैल (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू से मुलाकात की और घोषणा की कि दोनों पूर्वोत्तर राज्य लंबे समय से जारी सीमा विवादों को समयबद्ध तरीके से हल करने के लिए जिला स्तरीय समितियां बनाएंगे।
सरमा ने ट्वीट में कहा कि सीमा मुद्दे को लेकर दोनों राज्यों के बीच मुख्यमंत्री स्तर की यह दूसरी बैठक है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने समयबद्ध तरीके से इस मुद्दे को हल करने के लिए दोनों राज्यों में जिला स्तरीय समितियां गठित करने का फैसला किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिला समितियां दोनों राज्यों के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, जातीयता, निकटता, लोगों की इच्छा और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर लंबे समय से लंबित मुद्दों के ठोस समाधान खोजने के लिए विवादित क्षेत्रों में संयुक्त सर्वेक्षण करेगी।’’
सरमा ने कहा कि बैठक में समितियों के संदर्भ की शर्तों को भी अंतिम रूप दिया गया।
बैठक में असम के सीमा क्षेत्र विकास मंत्री अतुल बोरा और दोनों राज्यों के मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
असम और अरुणाचल प्रदेश 804.1 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं और इसके साथ विवाद के 1,200 बिंदु हैं।
अरुणाचल प्रदेश की शिकायत है कि पूर्वोत्तर राज्यों के पुनर्गठन ने मैदानी इलाकों में कई वन क्षेत्रों को एकतरफा रूप से असम को स्थानांतरित कर दिया गया, जो परंपरागत रूप से पर्वतीय आदिवासी प्रमुखों और समुदायों के थे।
वर्ष 1987 में अरुणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा मिलने के बाद, एक त्रिपक्षीय समिति नियुक्त की गई थी जिसने सिफारिश की थी कि कुछ क्षेत्रों को असम से अरुणाचल में स्थानांतरित कर दिया जाए। असम ने इसका विरोध किया था और मामला उच्चतम न्यायालय में है।
अरुणाचल प्रदेश के अलावा, असम के मेघालय, नगालैंड और मिजोरम के साथ भी सीमा विवाद हैं और पिछले साल मई में पद संभालने के तुरंत बाद, सरमा बातचीत के माध्यम से इन्हें हल करने का प्रयास कर रहे हैं।
भाषा
देवेंद्र उमा
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