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Sunday, 22 September, 2024
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अमेरिकी कंपनियां भारत में सैन्य उपकरणों का निर्माण करें : राजनाथ

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नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को अमेरिकी कंपनियों को भारत में रक्षा उपकरणों के संयुक्त अनुसंधान व विकास के लिये प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह जुड़ाव परंपरागत क्रेता-विक्रेता के रिश्तों से आगे बढ़ना चाहिए।

भारत में अमेरिकी वाणिज्य चैंबर में एक संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक हितों का सम्मिलन बढ़ रहा है और दोनों पक्ष एक लचीली और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था चाहते हैं जो सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करे।

सिंह ने कहा कि हालिया भारत-अमेरिका ‘2+2’ संवाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच सार्थक बातचीत ने दोनों पक्षों के बीच अधिक महत्वाकांक्षी और रणनीतिक जुड़ाव के लिए आधार तैयार किया है।

सिंह ने कहा, “देर से ही सही, कुछ अमेरिकी कंपनियों ने भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी में अपनी स्थानीय उपस्थिति का विस्तार किया है और वे भारत में, भारत और दुनिया के लिए उत्पादन कर रही हैं। हमारा मानना है कि यह सिर्फ एक शुरुआत है।”

उन्होंने कहा, “बढ़ते व्यवसाय के साथ, हम भारत में अमेरिकी कंपनियों द्वारा अधिक निवेश की आकांक्षा करते हैं। औद्योगिक सुरक्षा समझौते का पूर्ण उपयोग करके हमें रक्षा प्रौद्योगिकी के सहयोग और स्वदेशीकरण को सुगम बनाने तथा एक-दूसरे की रक्षा-आपूर्ति श्रृंखलाओं में अमेरिकी और भारतीय कंपनियों की सहभागिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा कि भारत में विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना करने के लिए अमेरिकी कंपनियों का स्वागत है। उन्होंने रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतिगत पहलों का फायदा उठाने के लिये भी अमेरिकी कंपनियों का आह्वान किया।

रक्षा मंत्री ने वाशिंगटन में अभी हाल में हुए भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ मंत्री स्तरीय संवाद को “सकारात्मक एवं सार्थक” बताया तथा कहा कि रक्षा क्षेत्र द्विपक्षीय संबंधों का एक मजबूत और बढ़ता हुआ स्तंभ है।

उन्होंने खरीदार-विक्रेता संबंध से एक भागीदार राष्ट्र की दिशा में बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया और इस लिहाज से इस बात को संज्ञान में लिया कि भारत और अमेरिका पारस्परिक रूप से लाभप्रद और उज्ज्वल भविष्य के लिए एक-दूसरे की ताकत का लाभ उठाने के लिए विशिष्ट रूप से तैयार हैं।

सिंह ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों एक मुक्त, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र का एक समान नजरिया साझा करते हैं।

उन्होंने कहा, “रणनीतिक हितों पर हमारा जुड़ाव बढ़ रहा है क्योंकि दोनों देश लचीली, नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था चाहते हैं जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करे, लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखे और सभी के लिए शांति और समृद्धि को बढ़ावा दे।”

उन्होंने कहा, “भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी अंतरराष्ट्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।”

भाषा

प्रशांत वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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