बेंगलुरु, 18 मई (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने वृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के उस नोटिस को खारिज कर दिया है जिसमें 150 साल पुराने स्कूल गुड शेफर्ड कॉन्वेंट से कल्याण शुल्क के तौर पर 69 लाख रुपये मांगे गए थे।
स्कूल ने अपने परिसर में मौजूद 100 साल पुरानी इमारत में चार और मंजिल बनाने की इजाज़त मांगी थी, लेकिन बीबीएमपी ने समूचे 23 एकड़ भूमि पर कल्याण शुल्क की गणना की।
अदालत ने पाया कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत बीबीएमपी ऐसी मांग कर सके।
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्न ने अपने हाल के आदेश में कहा, “ अगर शुल्क लेने का कोई प्रावधान नहीं है तो कोई मांग नहीं जा सकती है। यह कानून का स्थापित सिद्धांत है….।”
बीबीएमपी ने दावा किया कि उसने ‘ कर्नाटक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग कानून’ की धारा 18 के तहत कल्याण शुल्क के तौर पर 69.70 लाख रुपये की मांग की है।
अदालत ने कहा कि यह धारा तब लागू होती है जब आवेदक ने भूमि का उपयोग बदलने का आग्रह किया होता, लेकिन स्कूल ने सिर्फ चार मंजिले बनाने की अनुमति मांगी है।
भाषा नोमान शोभना
शोभना
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