प्रयागराज, 22 अप्रैल (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जौनपुर के पुलिस अधीक्षक को उस महिला को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है जिसने अंतरजातीय विवाह किया था और उसके पिता ने अधिवक्ता के चैंबर से 20 अप्रैल को कथित तौर पर बलपूर्वक उसे अगवा कर लिया था।
न्यायमूर्ति उमेश कुमार ने महिला के पति द्वारा दायर एक संरक्षण याचिका पर यह आदेश पारित किया। महिला का पति पिछड़ी जाति से है और हाल ही में दोनों ने विवाह किया था। उसे डर है कि महिला के परिजन उसकी जान ले सकते हैं।
इससे पूर्व सुनवाई के दौरान महिला के परिजनों ने आरोप लगाया था कि पिछड़ी जाति के व्यक्ति ने महिला का अपहरण कर लिया था। इस पर अदालत ने महिला का बयान लेने का निर्णय किया और अदालत के समक्ष उसे पेश करने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से बुधवार को पेश हुए अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि महिला के पिता की मिलीभगत से 20 से अधिक बदमाशों ने उनका चैंबर घेर लिया था और वे महिला को जबरदस्ती उठा ले गए। इन परिस्थितियों में याचिकाकर्ता अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हो सके।
इस पर अदालत ने कहा, “यह बहुत चौंकाने वाली और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि उच्च न्यायालय के सामने बदमाश अधिवक्ता के चैंबर से लड़की को जबरदस्ती ले गए। इसलिए प्रयागराज के एसएसपी और जौनपुर के एसपी को निर्देशित किया जाता है कि वे प्राथमिकता के आधार पर इस मामले को देखें और अगली तारीख पर महिला को अदालत में पेश करें।”
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 17 मई निर्धारित की।
भाषा
राजेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल
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