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नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को कहा कि जी20 की मेजबानी के बाद 21 से 31 जुलाई तक यहां आयोजित विश्व धरोहर समिति का 46वां सत्र मील का पत्थर साबित होगा।
सत्र से पहले यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम के उद्घाटन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी के लिए ‘‘सैद्धांतिक मंजूरी’’ मिल गई है।
हालांकि, बाद में संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 21 जुलाई को सत्र का उद्घाटन करेंगे।
यह पहली बार है जब सत्र भारत में आयोजित किया जा रहा है।
शेखावत ने कहा कि विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) का सत्र भारत को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, अपने स्थलों के रख-रखाव और प्रबंधन तथा भारत द्वारा अपनी विरासत को दी जाने वाली प्राथमिकता को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा।
यह पूछे जाने पर कि इस महत्वपूर्ण बैठक के लिए मेजबान शहर के रूप में दिल्ली को किस मानदंड के तहत चुना गया, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण इस आयोजन के लिए दिल्ली ‘‘स्वाभाविक पसंद’’ थी।
डब्ल्यूएचसी के सत्र से पहले, सरकार ने हाल में एक लोक कला परियोजना शुरू की है, जिसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत और देश के यूनेस्को विरासत स्थलों पर आधारित कार्य शामिल हैं।
विश्व धरोहर सम्मेलन का सत्र भारत मंडपम में होगा, जो जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन स्थल भी था।
इस समय भारत का दुनिया में यूनेस्को स्थलों की संख्या के हिसाब से छठा स्थान है। इसके साथ ही एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत दूसरे नंबर पर है।
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश
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