अमरावती (आंध्र प्रदेश), 22 मई (भाषा) आंध्र प्रदेश पुलिस ने सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के विधान पार्षद (एमएलसी) अनंत सत्य उदय भास्कर के कथित तौर पर अपने पूर्व वाहन चालक की मौत के मामले में संलिप्त होने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं, पीड़ित की पत्नी ने न्याय पाने के लिए मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि गत दो दिनों से दलित संगठन और विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (तेदपा) सरकार पर सत्तारूढ़ एमएलसी की गिरफ्तारी के लिए दबाव बना रहे हैं।
पीड़ित की गर्भवती पत्नी अपर्णा ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनकी आवाज दबाने की कोशिश की है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘महिला पुलिस कर्मियों ने मेरी पिटाई की और दबाव डाला कि मैं बयान दूं कि मेरे पति की मौत हादसे में हुई है। उन्होंने मुझे लालच भी दिया लेकिन मैं नहीं झुकी।’’
उन्होंने काकीनाडा पुलिस पर संदेह जताया और न्याय के लिए मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। अपर्णा ने जोर देकर कहा कि एमएलसी उनके पति की मौत के लिए जिम्मेदार है।
काकीनाडा जिले के पुलिस अधीक्षक एम रविंद्रनाथ बाबू ने इस संबंध में पूछने के लिए किए गए कॉल का जवाब नहीं दिया। काकीनाडा के सब डिविजनल पुलिस अधिकारी वी भीमा राव ने कहा कि वह ‘‘ बैठक में व्यस्त’’हैं और मामले की कोई जानकारी नहीं दी।
जानकारी के मुताबिक बृहस्पतिवार की आधी रात के बाद एमएलसी अपनी कार में पूर्व चालक वी सुब्रमण्यम के शव को लेकर आए और पीड़ित परिवार को सौंपा। एमएलसी ने दावा किया कि चालक की मौत हादसे में हुई है।
चालक के परिवार ने जब विरोध किया और मामले में सफाई मांगी तो विधान पार्षद मौके से चले गए।
सर्पवरम पुलिस ने शुरुआत में सीआरपीसी की धारा-174 के तहत केवल संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया था जबकि परिवार ने एमएलसी पर उंगली उठाते हए इसे हत्या का मामला होने का दावा किया था।
मृतक चालक सुब्रमण्यम गत पांच साल से एमएलसी के कार चालक का कार्य कर रहा था।
सर्पवरम पुलिस ने पुष्टि की है कि मौके पर (नागामल्ली थोटा जंक्शन) सडक़ हादसे का कोई संकेत नहीं मिला है जैसा कि एमएलसी ने दावा किया था।
पीड़ित के परिवार ने मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम करने की अनुमति शनिवार आधी रात के बाद पुलिस द्वारा हत्या की धारा जोड़ने के बाद दी।
पुलिस के मुताबिक उदय भास्कर उर्फ बाबू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-302 (हत्या) और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निषेध) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक केवी राजेंद्रनाथ रेड्डी ने कहा कि एक बार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद वे पूरे मामले की गहराई से जांच करेंगे।
इसबीच, पूर्व सांसद जीबी हर्ष कुमार ने आरोप लगाया कि एमएलसी को बचाने की हर प्रकार से कोशिश की जा रही है क्योंकि वह वाईएसआर कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं के ‘‘बेनामी’’ हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और दोषियों को दंडित करने के लिए गंभीर जांच की जानी चाहिए।
तेदेपा के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने मृतक की पत्नी से फोन पर बात की और भरोसा दिया कि उनकी पार्टी न्याय सुनिश्चित करने के लिए उनके साथ खड़ी रहेगी।
उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि पुलिस ने अबतक सत्तारूढ़ दल के एमएलसी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया।
भाषा धीरज नरेश
नरेश
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