प्रयागराज, चार मई (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को उस युवती पर पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए कथित हमले की जांच के निर्देश दिए हैं जिसने एक दूसरी जाति के युवक से विवाह किया है।
अदालत ने उक्त घटना सही पाए जाने पर 10 दिनों के भीतर दंडात्मक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने वाराणसी के एसएसपी को युवती कविता गुप्ता, उसके पति महेश कुमार विश्वकर्मा और उसके सास ससुर को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया ताकि उनके साथ कोई अप्रिय घटना ना घटित हो।
युवती के पति ने अदालत में एक याचिका दायर कर युवती के भाइयों द्वारा उसे अवैध रूप से निरुद्ध करने का आरोप लगाया था और युवती को मुक्त कराने की मांग की थी।
इससे पूर्व, 29 अप्रैल को अदालत के आदेश पर युवती और उसके पति को अदालत के समक्ष पेश किया गया था। युवती का आरोप था कि 26 अप्रैल को वाराणसी के मिर्जा मुराद पुलिस थाना की खजूरी पुलिस चौकी के प्रभारी अभिषेक कुमार ने उसे बुरी तरह से पीटा था। युवती के मुताबिक चौकी प्रभारी के साथ दो महिला कांस्टेबल भी मौजूद थीं।
अदालत ने गत शुक्रवार को कहा, “यह एक अस्वीकार्य स्थिति है जहां लोगों की रक्षा करने वाले पुलिसकर्मी हमलावर बन गए हैं। इन परिस्थितियों में वाराणसी के एसएसपी को इस मामले की जांच करने और आरोप सही पाए जाने पर 10 दिनों के भीतर दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है।” राजेंद्र धीरज
धीरज
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