नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत और मिस्र के बीच आर्थिक सहयोग में लगातार विविधता लाई जा रही है और दोनों पक्ष इसे और बढ़ाने के लिए नए अवसर तलाश रहे हैं।
उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 50 से अधिक भारतीय कंपनियां पहले ही मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर चुकी हैं, जिनमें फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हरित ऊर्जा मुख्य क्षेत्र हैं।
जयशंकर ने मिस्र को भारत का ‘‘महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार’’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे आर्थिक सहयोग में लगातार विविधता लाई जा रही है। दोनों पक्ष पारस्परिक लाभ के लिए नए अवसर तलाश रहे हैं।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारा आईटी उद्योग भी ऐसी साझेदारी कर रहा है और आने वाले समय में हमें इसके बढ़ने की उम्मीद है। मिस्र भी हमारे कृषि-निर्यात के लिए एक बाजार के रूप में खुल गया है, विशेष रूप से गेहूं के निर्यात के लिए।’’
विदेश मंत्री मिस्र के ‘राष्ट्रीय दिवस’ का जश्न मनाने के लिए भारत स्थित उसके दूतावास द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रक्षा सहयोग भी बढ़ा है। 2021 के बाद से, हमारी वायु सेनाओं ने नियमित रूप से द्विपक्षीय अभ्यास किये हैं।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारे विशेष बल भी अभ्यास कर रहे हैं और हालिया अभ्यास इस वर्ष जनवरी में संपन्न हुआ। भारतीय नौसैन्य जहाज मिस्र के बंदरगाहों पर लगातार और नियमित रूप से जाते रहे हैं।’’
भाषा धीरज सुभाष
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