नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत एक ग्राम भी मादक पदार्थ देश में नहीं आने देगा।
शाह ने मादक पदार्थ निरोधक एजेंसियों से आपूर्ति श्रृंखलाओं को ध्वस्त करने के लिए ‘‘कठोर’’ रुख अपनाने का आह्वान भी किया। वह राष्ट्रीय राजधानी में एनसीओआरडी या नार्को-समन्वय केंद्र की 7वीं शीर्षस्तरीय बैठक के दौरान केंद्रीय और राज्य मादक पदार्थ निरोधक एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
शाह ने एमएएनएएस हेल्पलाइन नंबर ‘1933’ के साथ-साथ एक ईमेल आईडी की भी शुरुआत की। इनका इस्तेमाल लोग मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) को जानकारी देने के लिए कर सकते हैं।
शाह ने कहा, ‘नशे का पूरा कारोबार अब मादक पदार्थ-आतंकवाद से जुड़ गया है और इससे मिलने वाला पैसा देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। सभी एजेंसियों का लक्ष्य न केवल नशा करने वालों को पकड़ना होना चाहिए, बल्कि पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करना भी होना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ‘एक ग्राम भी मादक पदार्थ भारत में नहीं आने देगी, न ही हम भारत की सीमाओं का इस्तेमाल किसी भी तरह से मादक पदार्थ तस्करी के लिए होने देंगे।’’
उन्होंने यहां विज्ञान भवन में बैठक के दौरान कहा, ‘मादक पदार्थ आपूर्ति श्रृंखला के प्रति कठोर दृष्टिकोण, मांग में कमी के प्रति रणनीतिक दृष्टिकोण और नुकसान में कमी के लिए मानवीय दृष्टिकोण होना चाहिए।’
शाह ने कहा कि यदि कोई मादक पदार्थ जमीन, पानी या हवाई अड्डे के जरिए देश में आता है, तो उसका पता लगाया जाना चाहिए और उस आखिरी बिंदु तक जांच की जानी चाहिए जहां से उसकी तस्करी की गई है।
मंत्री ने कहा कि पिछले पांच सालों में नरेन्द्र मोदी सरकार ने मादक पदार्थ रोधी लड़ाई को पूरे सरकारी दृष्टिकोण और संरचनात्मक, संस्थागत और सूचनात्मक सुधारों पर आधारित किया है।
शाह ने कहा कि पहले एजेंसियों का मंत्र ‘जानने की जरूरत’ था, लेकिन अब उन्हें ‘साझा करने के कर्तव्य’ की कार्यक्षमता की ओर बढ़ना चाहिए और सभी एजेंसियों को इस महत्वपूर्ण बदलाव को अपनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार जल्द ही मादक पदार्थों की प्रारंभिक जांच के लिए कम खर्चीली किट उपलब्ध कराएगी, जिससे सभी एजेंसियों द्वारा मामले दर्ज करना बहुत आसान हो जाएगा।’
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा है और यह युवा पीढ़ी को नशे के अभिशाप से दूर रखकर ही हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बैठक के दौरान एनसीबी की ‘वार्षिक रिपोर्ट 2023’ और ‘नशा मुक्त भारत’ पर एक संग्रह भी जारी किया।
भाषा अमित माधव
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