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Sunday, 6 October, 2024
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बिहार में पंचायत इमारत को ‘अवैध’ रूप से ध्वस्त किये जाने पर विवाद

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मुजफ्फरपुर/पटना, 11 मई (भाषा) उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक पंचायत इमारत को कथित तौर पर बिना अनुमति के गिराने और मलबे से निकली ईंटों की नीलामी करने से राज्य में विवाद पैदा हो गया है। इमारत औराई पंचायत में स्थित थी और उसे स्थानीय मुखिया उमाशंकर गुप्ता के निर्देश पर ध्वस्त किया गया था।

गुप्ता का दावा था कि उक्त संरचना ऐसी अवस्था में थी कि कोई उसका इस्तेमाल नहीं करता था। हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि गुप्ता का दावा झूठा था क्योंकि कुछ महीने पहले पंचायत चुनाव के दौरान इमारत का मतदान केंद्र के तौर पर इस्तेमाल किया गया था।

भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री तथा औराई से विधायक राम सूरत राय ने पटना में संवाददाताओं से कहा, “यह जांच का मामला है। अगर अवैध रूप से इमारत को ध्वस्त किया गया है तो मैं दोषियों को सजा दिलाऊंगा। लेकिन अगर मुखिया को संबंधित विभाग से आवश्यक अनुमति मिली थी तो इसे अनियमितता नहीं कहा जा सकता।”

घटना को सोशल मीडिया पर “पंचायत भवन की चोरी” के तौर पर दिखाया जा रहा है और राष्ट्रीय जनता दल जैसी विपक्षी पार्टियां इस खबर को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा कर रही हैं।

इस बीच, मुजफ्फरपुर अदालत में घटना के संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई गई है और इसमें राय, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके मंत्रिमंडल के एक सहयोगी को आरोपी बनाया गया है। आनंद कुमार झा ने मुजफ्फरपुर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पश्चिम) की अदालत में मामला दर्ज कराया है। झा खुद को एक राजनीतिक पार्टी ‘लोक चेतना दल’ का संस्थापक बताते हैं।

झा के वकील मनोज सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “हमारी याचिका पर सुनवाई 21 मई को होगी। मुख्यमंत्री और राय के अलावा पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, मुखिया और मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार समेत तीन सरकारी अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।”

भाषा यश माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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