नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) जाने-माने अर्थशास्त्री और रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने शनिवार को आगाह कि बहुसंख्यकवाद भारत के भविष्य के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा और इसका हर कदम पर विरोध किया जाना चाहिए।
राजन ने एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि आलोचना पर कुछ विधायी बाधाओं को हटाकर सरकार को आलोचना के प्रति अधिक उत्तरदायी बनना चाहिए।
उन्होंने चेताया, ”बहुसंख्यकवाद के प्रति हमारे रुझान के व्यापक परिणाम हैं और वे सभी प्रतिकूल हैं… यह हर आर्थिक सिद्धांत के खिलाफ है।”
अपने स्पष्ट विचारों के लिए पहचाने जाने वाले अर्थशास्त्री राजन ने कहा कि भारत को समावेशी विकास की जरूरत है और आबादी के किसी भी वर्ग के साथ द्वितीय श्रेणी के नागरिक के रूप में व्यवहार करने से देश समावेशी विकास नहीं कर सकता।
राजन ने कहा कि बहुसंख्यकवाद विभाजनकारी है और यह भारत को ऐसे समय में विभाजित करने का काम करेगा जब बाहरी खतरों का सामना करने के लिए देश को एकजुट रहना है।
भाषा शफीक नेत्रपाल
नेत्रपाल
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