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Monday, 18 November, 2024
होमदेशप्रख्यात नागरिकों ने दिल्ली में ‘अतिक्रमण विरोधी अभियान’’ रोकने का अनुरोध किया

प्रख्यात नागरिकों ने दिल्ली में ‘अतिक्रमण विरोधी अभियान’’ रोकने का अनुरोध किया

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नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) करीब 35 मशहूर नागरिकों ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी में मकानों को ‘अवैध रूप से गिराए जाने’’ पर तुरंत रोक लगाने का आग्रह किया है।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में अर्थशास्त्री जयती घोष, अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ की सदस्य मालिनी भट्टाचार्य और मरियम धवले, सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज और अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ की सदस्य कविता कृष्णन शामिल हैं।

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नगर निगम को लिख गए पत्र में, उन्होंने कहा कि नगर निकाय प्राधिकारियों द्वारा किराए पर लिए गए बुलडोजर से उन अस्थायी ढांचों को निशाना बनाया जाना ‘भयावह’ था जो लोगों की आजीविका के लिए आवश्यक थे।

उन्होंने कहा कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के महापौर के हालियों दौरों और उनके बयानों से ‘वास्तविक और वर्तमान खतरे’ का संकेत मिलता है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित एसडीएमसी ने बुधवार को शाहीन बाग सहित अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले इलाकों से अवैध निर्माण को हटाने के लिए 10-दिवसीय कार्य योजना के तहत अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया। शाहीन बाग 2019 में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में आंदोलन का एक प्रमुख स्थान था।

एक अधिकारी के अनुसार, इस अभियान में शाहीन बाग मुख्य सड़क, कालिंदी कुंज, एमबी रोड, मेहरचंद मार्केट, श्रीनिवास पुरी जैसे इलाकों को शामिल किया जाएगा।

पत्र में कहा गया है, ‘यह बहुत परेशान करने वाली बात है कि इन क्षेत्रों में ‘कार्रवाई’ को केवल इसलिए रोक दिया गया है क्योंकि दिल्ली पुलिस ने सहयोग करने के लिए सार्वजनिक रूप से 10 दिन का नोटिस देने का कहा।’’

पत्र में कहा गया है, ‘इनमें से कुछ इलाकों में अर्धसैनिक बलों की भारी मौजूदगी के साथ-साथ भाजपा नेताओं के नेतृत्व में भीड़ द्वारा बार-बार जुलूस और नारेबाजी भय तथा आतंक के माहौल को और गंभीर बना रहा है।’

इसमें आरोप लगाया गया है कि दिल्ली में अल्पसंख्यक समुदाय को परेशान करने के लिए इस अतिक्रमण विरोधी अभियान को एक औजार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही पत्र में अधिकारियों से मुस्लिम निवासियों को आश्वस्त करने का आग्रह किया गया है कि वे उतना ही शहर के हैं जितना अन्य समुदाय का कोई व्यक्ति है तथा उन्हें कानून की पूरी सुरक्षा की पेशकश की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘हम सभी प्राधिकारियों से उन निवासियों को उचित मुआवजा, पुनर्वास और खोई हुई आजीविका की वापसी की पेशकश करने का आह्वान करते हैं, जिनकी संपत्ति को राज्य द्वारा अवैध रूप से नष्ट कर दिया गया।’’

भाषा अविनाश माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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