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Sunday, 17 November, 2024
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पूर्वोत्तर की चुनौतियों के आधार पर उसके लिए कार्य योजना तैयार करें : लोकसभा अध्यक्ष

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ईटानगर, 12 मई (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को विविधता से भरे पूर्वोत्तर राज्यों की चुनौतियों से निपटने और सतत विकास हासिल करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार किए जाने की जरूरत पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों और स्थलाकृति संबंधी विशेषताओं की बहुलता महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं लेकिन पूर्वोत्तर की ‘विविध शक्तियों’ से उनकी भरपाई होती है।

लोकसभा अध्यक्ष ने पूर्वोत्तर की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा कि चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए इस क्षेत्र के लोगों के परिश्रम, मेहनती लोकाचार और उनकी प्रतिभा का उपयोग किया जा सकता है।

वह यहां राज्य विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, भारत क्षेत्रीय जोन 3 के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण समानताओं के साथ यह क्षेत्र भौगोलिक और जातीय रूप से अनोखा है, इसलिए समानताओं और भिन्नताओं को ध्यान में रखते हुए, पूर्वोत्तर के समग्र विकास के लिए एक कार्ययोजना तैयार की जानी चाहिए।

बिरला ने कहा, ‘… अब हम आगे बढ़ें और साथ ही अपनी संस्कृति का भी संरक्षण करें। हम न तो विकास और न ही क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति के साथ समझौता कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्र के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन इसके बाद भी विभिन्न कारणों से बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और संपर्क (कनेक्टिविटी) के क्षेत्र में खाइयां हैं, जिनके समाधान की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के जरिए पूर्वोत्तर के समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयास किए हैं तथा प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों को अपने बजट का दस प्रतिशत पूर्वोत्तर के लिए खर्च करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘’हमें इस बात पर विचार करना होगा कि जनभागीदारी और सहयोग से क्षेत्र के लिए विकास योजनाएं कैसे तैयार की जाएं जिससे जातीय विरासत, पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करते हुए रोजगार सृजित हों और समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।’

बिरला ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में जैविक फसलों के उत्पादन को बढ़ाने और उत्पादों के निर्यात के लिए उपयुक्त विपणन प्रणाली विकसित करने की जरूरत है।

पूर्वोत्तर में उग्रवाद के संदर्भ में लोकसभाध्यक्ष ने कहा कि लोकतांत्रिक लोकाचार को बढ़ावा देने और लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल करने की आवश्यकता है।

दो दिवसीय सम्मेलन में क्षेत्र के सभी आठ राज्यों के विधानसभाध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा मंत्री एवं अधिकारी भाग ले रहे हैं।

भाषा

अविनाश नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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