scorecardresearch
Sunday, 17 November, 2024
होमदेशन्यायिक विस्टा के विकास की जनहित याचिका पर केंद्र का रुख जानना चाहता है शीर्ष न्यायालय

न्यायिक विस्टा के विकास की जनहित याचिका पर केंद्र का रुख जानना चाहता है शीर्ष न्यायालय

Text Size:

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में न्यायपालिका और बार की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके परिसर के पास एक ‘न्यायिक विस्टा’ के विकास के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर केंद्र सरकार का रुख जानना चाहता है।

न्यायमूर्ति विनीत सरण और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की पीठ ने पूछा कि क्या सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर न्यायिक विस्टा के बारे में सोचा जा सकता है?

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना राजधानी के लुटियन्स जोन में संसद, केंद्र सरकार के अनेक कार्यालयों और अन्य महत्वपूर्ण भवनों के पुनरुद्धार की योजना है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम कोई निर्देश नहीं दे रहे कि आप यह कीजिए, यह मत कीजिए। लेकिन हम केवल सरकार का रुख जानना चाहते हैं। कल सॉलिसीटर उपस्थित रहें।’’

पीठ ने आठ मार्च को बार अधिकारी अर्द्धेंदुमौलि कुमार प्रसाद की जनहित याचिका पर शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री और केंद्र का रुख जानना चाहा था।

प्रसाद ने राष्ट्रीय राजधानी में अधीनस्थ अदालतों, न्यायाधिकरणों, दिल्ली उच्च न्यायालय और बार समेत सभी अदालतों की न्यायिक अवसंरचना की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए शीर्ष अदालत के परिसरों के पास एक ‘न्यायिक विस्टा’ के विकास का अनुरोध किया था।

जनहित याचिका में अनुरोध किया गया है कि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय और आवास तथा शहरी मामलों के मंत्रालय को प्रधान न्यायाधीश के प्रशासनिक नियंत्रण में एक केंद्रीय प्राधिकार के गठन का निर्देश दिया जाए जो भारत की समेकित निधि से वित्तपोषित हो और न्यायिक अवसंरचना की जरूरतों को पूरा करे।

भाषा

वैभव नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments