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Tuesday, 19 November, 2024
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नालंदा विश्वविद्यालय : नये परिसर में परिचालन शुरू, निर्माण पूरा होने में तीन वर्ष और लगेंगे

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नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) बौद्ध, दार्शनिक एवं ऐतिहासिक अध्ययन के उत्कृष्ट वैश्विक केंद्र के रूप में नालंदा विश्विवद्यालय का परिचालन 443 एकड़ में फैले नये परिसर में शुरू हो गया है लेकिन आधारभूत ढांचे सहित विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य पूरा होने में अभी तीन वर्ष और लग सकते हैं। विश्वविद्यालय सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने ‘‘पीटीआई भाषा’’ को बताया, ‘‘ बिहार स्थित नालंदा विश्वविद्यालय में 90 प्रतिशत अकादमिक एवं प्रशासनिक ढांचे तथा 113 आवासीय परिसर में से 70 प्रतिशत का निर्माण कार्य पूरा हो गया है।’’

उन्होंने बताया कि नये परिसर में विश्वविद्यालय का परिचालन पूरी तरह से शुरू हो गया है ।हालांकि आधारभूत ढांचे के विकास का कार्य वित्त वर्ष 2025-26 तक पूरा होने की संभावना है ।

नालंदा विश्वविद्यालय के निर्माण के लिये 2727 करोड़ रूपये के कोष को मंजूरी दी गई थी जिसमें पूंजीगत व्यय के मद में 1749 करोड़ रूपये तथा आवर्ती व्यय के मद में 977 करोड़ रूपये रखे गए थे ।यह राशि वित्त वर्ष 2010-11 से 2021-22 तक की अवधि के लिये थी ।

सूत्रों ने बताया कि जनवरी 2022 तक पूंजीगत व्यय मद में 1060 करोड़ रूपये जबकि आवर्ती व्यय मद में करीब 213 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं । उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से इसके निर्माण कार्य में गति आई । अभी अकादमिक ब्लाक, प्रशासनिक भवन, प्रयोगशालाओं, एम्फीथियेटर सहित आडिटोरियम, ध्यान कक्ष आदि का 90 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हुआ है।

सूत्रों के अनुसार, छात्रों के हॉस्टल ब्लाक, शिक्षकों एवं कर्मचारियों के आवास का निर्माण का कार्य वर्ष 2018 में शुरू हुआ था और अब तक इसका 70 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो गया है।

उन्होंने बताया कि अभी नालंदा विश्वविद्यालय में 700 से अधिक छात्र हैं जिसमें से 31 देशों के 173 विदेशी छात्र शामिल हैं ।

गौरतलब है कि नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव द्वितीय पूर्वी एशिया शिखर बैठक में वर्ष 2007 में आया था। इसके बाद भारत की सक्रियता से वर्ष 2009 में चौथी पूर्वी एशिया शिखर बैठक में इसकी स्थापना के लिये संयुक्त बयान जारी किया गया था ।

नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये अक्तूबर 2013 में आठ देशों के बीच एक अंतर सरकारी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गए थे । बाद में इस एमओयू में नौ और देश शामिल हुए । इस प्रकार समझौता ज्ञापन में शामिल देशों की संख्या 17 हो गई । इन देशों में भारत, चीन, थाईलैंड, आस्ट्रेलिया, लाओस, ब्रुनेई, दार उस सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, भूटान, मारिशस, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, वियतनाम शामिल हैं ।

सूत्रों के अनुसार, इसके निर्माण कार्य के लिये चीन, आस्ट्रेलिया, थाईलैंड, लाओस ने अंशदान दिया है।

नालंदा विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्ययन का स्कूल, दर्शन ज्ञान के अलावा परिस्थितिकी एवं पर्यावरण अध्ययन स्कूल, इतिहास अध्ययन स्कूल, भाषा एवं साहित्य / मानविकी अध्ययन स्कूल आदि हैं । इसके अलावा कोरियाई, संस्कृत, पाली, तिब्बती आदि भाषाएं भी पढ़ायी जाती हैं । प्रबंधन अध्ययन स्कूल में सतत विकास और प्रबंधन में कोर्स कराये जाते हैं।

भाषा दीपक नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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