(कुणाल दत्त)
नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) मराठा राजा छत्रपति शिवाजी से जुड़े किलों के ‘स्केल मॉडल’, विभिन्न राज्यों के रंगीन स्टॉल और शिल्प कौशल का प्रदर्शन ‘अतुल्य भारत’ की भावना को प्रदर्शित करने के लिए यहां विश्व धरोहर समिति की बैठक के आयोजन स्थल पर लगाए गए मंडप का हिस्सा हैं।
भारत 21 से 31 जुलाई तक विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र की मेजबानी कर रहा है। रविवार को हुए इसके उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले समेत अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हुए।
भारत मंडपम के मुख्य हॉल में आयोजित होने वाले पूर्ण सत्र के समानांतर, हॉल नंबर 14 में देश के विरासत स्थलों और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हुए एक ‘अतुल्य भारत’ प्रदर्शनी भी लगायी गयी है।
इस मंडप का मुख्य आकर्षण जयपुर के एक अलंकृत प्रवेश द्वार की प्रतिकृति है, जिसके शीर्ष पर हल्की रोशनी से जगमग ‘अतुल्य भारत’ अंकित है।
जैसे ही कोई मंडप में प्रवेश करता है तो दोनों तरफ डिजिटल दीवारों पर भारत के प्रतिष्ठित सांस्कृतिक विरासत स्थलों की सचल छवियां नजर आती हैं।
इसके साथ ही धरोहर स्थलों जैसे कि दिल्ली के जंतर मंतर से लेकर उनाकोटि की प्रतिकृतियां प्रदर्शित की गयी हैं।
पर्यटन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने यहां विश्व धरोहर समिति की बैठक स्थल पर एक ही छत के नीचे प्रतिनिधियों और अन्य आगंतुकों को भारत और इसके विविध सांस्कृतिक रंगों की झलक दिखाने के लिए यह ‘अतुल्य भारत’ मंडप बनाया है।’’
मंडप के मुख्य प्रवेश द्वार पर भारत में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों के विशाल ‘कटआउट’ भी हैं जिनमें गोवा के गिरजाघरों से लेकर दक्षिण भारत के मंदिरों और बिहार के महाबोधि मंदिर से लेकर दिल्ली के हुमायूं के मकबरे की झलक तक शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि यह विशेष प्रदर्शनी भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी सभ्यता, भौगोलिक विविधता और पर्यटन स्थलों के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में आधुनिक विकास पर प्रकाश डालती है।
पर्यटक ‘ठठेरा’ स्टॉल पर भारतीय शिल्प कौशल का जीवंत प्रदर्शन भी देख सकते हैं, जिसमें पारंपरिक उपकरणों का उपयोग करके एक महिला द्वारा पश्मीना शॉल बुन जाने से लेकर मिट्टी के बर्तन बनाने का प्रदर्शन किया गया है।
इसके अलावा इसमें विभिन्न राज्यों के खास व्यंजनों का भी स्वाद लिया जा सकता है जिनमें बिहार के ‘अनरसा’ और ‘खाजा’ से लेकर राजस्थान का ‘घेवर’ तक शामिल है।
भारत की 42 संपत्तियां विश्व विरासत सूची में दर्ज हैं जिनमें 34 सांस्कृतिक स्थल, सात प्राकृतिक स्थल और एक मिश्रित विरासत स्थल शामिल हैं।
भाषा गोला मनीषा
मनीषा
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