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Tuesday, 24 September, 2024
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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष गुप्ता राष्ट्रीय राजधानी के 40 गावों के मुस्लिम नाम बदलना चाहते हैं

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नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, जो कथित ‘‘रोहिंग्या और बांग्लादेशियों’’ की ओर से किए गए अतिक्रमण के खिलाफ पार्टी द्वारा चलाए गए ‘बुलडोजर’ अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, ने शनिवार को घोषणा की कि उनकी योजना दिल्ली के 40 गांवों के मुस्लिम नामों को बदलने की है।

यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गुप्ता ने कहा कि उनकी पार्टी केजरीवाल सरकार को दिल्ली के 40 गांवों के नाम बदले का प्रस्ताव भेजेगी जो ‘गुलामी’ के दौर का प्रतीक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी गुलामी की मानसिकता के साथ नहीं रहना चाहता जो ये नाम रेखांकित करते हैं। मुझे कई ग्रामीणों से प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें उन्होंने अपने गांवों के नामों को बदलने का अनुरोध किया है।’’

उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासित दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने मोहम्मदपुर गांव का नाम बदलकर माधवपुरम करने का प्रस्ताव पारित किया था लेकिन दिल्ली सरकार अबतक प्रस्ताव को दबा कर बैठी है और मंजूरी नहीं दे रही है।

गुप्ता ने कहा, ‘‘स्थानीय पार्षद भगत सिंह टोकस ने प्रस्ताव पेश किया जिसे निगम ने पारित किया और नगर आयोजन विभाग ने सभी ग्रामीणों के हस्ताक्षर से युक्त पत्र को दिल्ली के शहरी विकास विभाग को पिछले साल नौ दिसंबर को भेजा।’’

गुप्ता के दावे पर दिल्ली सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

भाजपा नेता ने दावा किया कि मोहम्मदपुर के अलावा ऐसे 40 गांव हैं जहां के लोग नाम बदलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इन 40 गांवों में हुमायूंपुर, युसूफ सराय, मसूदपुर, जमरूदपुर, बेगमपुर, सैदुल अजाब, फतेहपुर बेरी, हौज खास और शेख शराय जैसे कुछ नाम शामिल हैं।

इस पर आम आदमी पार्टी(आप) ने एक बयान जारी कर कहा कि दिल्ली में ऐसे मामलों को लेकर ‘‘राज्य नामकरण प्राधिकरण’’ है और अगर ऐसा कोई प्रस्ताव मिलता है तो ‘‘संबंधित निकाय द्वारा उचित तरीके से समीक्षा की जाएगी और प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की जाएगी।’’

आप ने बयान में कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि भाजपा नहीं चाहती कि सरकार निर्धारित प्रक्रिया से चले। ऐसा लगता है कि भाजपा गुंडागर्दी और उपद्रव शुरू करने का मौका तलाश रही है।’’

गुप्ता ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां जो ‘तुष्टिकरण’ की राजनीति करती हैं वे अब ‘बेनकाब’ हो रही हैं क्योंकि उनकी वोट बैंक की राजनीति ‘ध्वस्त’ हो रही है।

भाषा धीरज शफीक

शफीक

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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