( आरोपियों में किशोरी की मासी की नाम और पांच लोगों की गिरफ्तारी के साथ )
ललितपुर (उत्तर प्रदेश), चार मई (भाषा) ललितपुर जिले में सामूहिक बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने आयी 13 साल की किशोरी के साथ थानाध्यक्ष ने कथित रूप से दुष्कर्म किया। इस मामले में आरोपी पुलिस अफसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और थाने के अन्य सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि घटना के सिलसिले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आरोपी थानाध्यक्ष की तलाश जारी है।
इस घटना को लेकर विपक्षी दल सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने विपक्षी दलों से कहा कि वे आपराधिक मामलों का राजनीतिकरण न करें। उन्होंने कहा, ‘‘पीड़िता हमारी बेटी है और उसके साथ कुछ गलत हुआ है तो सरकार सख्त कार्रवाई करेगी और दोषी को किसी कीमत पर नहीं बख्शेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘सरकार इस मामले को फास्ट ट्रैक अदालत में ले जाएगी और घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई होगी कि उनकी अगली पीढ़ियां तक कराह उठेंगी। उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।’
पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि कथित पीड़िता की मां ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उनकी बेटी 27 अप्रैल को पाली थाने में मामला दर्ज कराने गई थी। शिकायत के अनुसार, बयान दर्ज कराने के बहाने थानाध्यक्ष तिलकधारी सरोज उसे अपने कमरे में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया।
कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर ने बताया, ‘‘इस मामले में थानाध्यक्ष तथा पीड़ित किशोरी की मासी समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोपी थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है। और उसके अलावा अन्य पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फरार थानाध्यक्ष की तलाश की जा रही है।’’
भास्कर ने बताया कि झांसी के पुलिस उप महानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार को मामले की जांच सौंपी गयी है। उन्हें 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पाली के थानाध्यक्ष को निलंबित करने के साथ-साथ थाने के अन्य सभी पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया गया है।
लड़की की मां का आरोप है कि 22 अप्रैल को चार लोग उसकी बेटी को भोपाल ले गए थे जहां उन्होंने तीन दिनों तक उसके साथ बलात्कार किया और बाद में उसे पाली थाने के बाहर छोड़कर भाग गए। लड़की जब 27 अप्रैल को मुकदमा दर्ज कराने थाने गई तो थानाध्यक्ष ने भी उसके साथ बलात्कार किया।
बाद में लड़की ने स्वैच्छिक संस्था चाइल्डलाइन पहुंचकर काउंसलिंग के दौरान पूरी घटना बताई। इस पर संस्था ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की जिनके हस्तक्षेप पर मंगलवार को इस मामले में बलात्कार, अपहरण और आपराधिक साजिश के आरोपों तथा पॉक्सो और एससी/एसटी कानून की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
भाषा सलीम अर्पणा
अर्पणा
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