तंजावुर/चेन्नई, 27 अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु के तंजावुर जिले में एक मंदिर द्वारा आयोजित रथयात्रा के दौरान ‘हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाइन’ के चपेट में आने के कारण करंट लगने से 11 लोगों की मौत हो गयी।
इस दुर्घटना में चंद मिनट पर कई जिंदगी खत्म हो गईं। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते 11 लोग अपनी जान गंवा चुके थे। हादसे के दौरान अफरा-तफरी का माहौल था और रथयात्रा में इस्तेमाल किया गया रथ जलकर राख हो चुका था।
तंजावुर में अप्पार मंदिर की रथयात्रा बुधवार को एक त्रासदी पर आकर समाप्त हो गई, जिसके कारण विभिन्न वर्गों में शोक और पीड़ा की लहर दौड़ गई है।
एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ” करंट का झटका लगने के बाद लोग इधर-उधर बिखर गए। मैंने लोगों के यहां-वहां पड़ा देखा। यह बहुत भयावह दृश्य था और हम समझ नहीं पाए कि क्या हो रहा है।”
गांववालों का कहना है कि लकड़ी के रथ को लोहे के सामान पर रंगीन लाइटों से सजाया गया था, जो ऊपर से गुजर रही बिजली लाइन के संपर्क में आ गया। रथ को जनरेटर से बिजली मिल रही थी, जो उसके पिछले हिस्से में बंधा हुआ था।
स्थानीय लोगों ने कहा कि रथ के सबसे ऊपर लगी लाइटें और उन्हें सहारा देने वाली संरचना हाई टेंशन ओवरहेड पावरलाइन के संपर्क में आई, जिससे बिजली का करंट लग गया।
रथयात्रा देखने वाले एक ग्रामीण ने कहा, ”आयोजक जनरेटर को बंद करना तो दूर इसके पास तक नहीं जा पाए। किसी को पता नहीं था कि करंट कहां से आ रही था और कैसे गुजर रही था। यह एक तबाही थी।”
इसके अलावा परंपरा के अनुसार रथ के निचले हिस्से पर पानी डाला गया था जबकि गीली सतह पर बिजली का करंट बहुत तेजी से फैलता है।
एक अन्य व्यक्ति ने कहा, ”जब कुछ लोगों ने आग बुझाने के लिये एक निश्चित स्थान पर पानी डाला तो बिजली का करंट और फैल गया, जिसके चलते अफरा-तफरी फैल गई और लोग घायल हो गए।
इस बीच, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने तंजावुर जिले में पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की और अपनी ओर से संवेदना व्यक्त की। साथ ही उन्होंने तंजावुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों से भी मुलाकात की।
अप्पार मंदिर चेन्नई से लगभग 350 किमी दूर तमिलनाडु के कावेरी घाटी क्षेत्र में तंजावुर जिले के मेलवेली गांव के अंतर्गत कालीमेडु में स्थित है।
भाषा
जोहेब माधव
माधव
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