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बुधवार, 7 मई, 2025
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जेएनयू पीएचडी के लिए यूजीसी नेट से बाहर निकलने पर कर रहा है विचार: जेएनयूटीए का दावा

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नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि विश्वविद्यालय यूजीसी नेट अंकों के बिना पीएचडी दाखिले के वास्ते अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए जेएनयू की पुरानी प्रणाली को बहाल करने की संभावना पर विचार कर रहा है।

जेएनयू की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने हालांकि कहा कि अभी तक इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है और प्रशासन ने केवल हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह मानना ​​अभी जल्दबाजी होगा कि जेएनयू पीएचडी प्रवेश के लिए यूजीसी नेट अंकों (स्कोर) को खत्म करने जा रहा है। हमने केवल हितधारकों से सुझाव लिए हैं क्योंकि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को प्रवेश परीक्षा के परिणाम घोषित करने में कुछ समय लगेगा और इस वजह से हमारे पीएचडी दाखिलों में देरी हो रही है। हमारे जेआरएफ छात्रों की फेलोशिप भी इसी कारण अटकी हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी, पुरानी प्रवेश प्रणाली को लागू करने के लिए कुछ तार्किक मुद्दों पर विचार करना होगा और यह समय लेने वाली प्रक्रिया है। अभी तक हमने कोई निर्णय नहीं लिया है। भविष्य में यदि हम ऐसा करेंगे तो विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर इसकी सूचना दी जाएगी।’’

जेएनयूटीए ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि तीन जुलाई को कुलपति और स्कूलों के डीन की बैठक में पीएचडी दाखिले के लिए पुरानी जेएनयू प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को बहाल करने की संभावना पर विचार करने का निर्णय लिया गया था।

इसमें कहा गया है, ‘‘जेएनयूटीए इसे प्रवेश परीक्षाओं के मामले में अपनी दीर्घकालिक स्थिति की पुष्टि मानता है और साथ ही जून 2024 यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने के बाद उसके द्वारा उठाई गई मांग के सकारात्मक जवाब के रूप में भी देखता है।’’

शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी-नेट परीक्षा निर्धारित तिथि से एक रात पहले 18 जून को इसलिए रद्द कर दी थी क्योंकि उसे सूचना मिली थी कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है।

अब नए सिरे से यूजीसी-नेट परीक्षा 21 अगस्त से चार सितंबर तक आयोजित की जाएगी, जिसका मतलब है कि परिणाम घोषित होने में अधिक समय लगेगा।

शिक्षक संगठन ने विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और स्नातक स्तर पर प्रवेश के लिए भी जेएनयूईई को अपनाने की मांग की, तथा एनटीए द्वारा आयोजित कई प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर चिंता जताई।

भाषा देवेंद्र पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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