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Wednesday, 18 December, 2024
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बजट में ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रूपये का आवंटन: सूत्र

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रोजगार गारंटी (मनरेगा) और आजीविका की योजनाओं के आवंटन में बढ़ोत्तरी की उम्मीद, ये कृषि क्षेत्र में संकट से प्रभावित एक निर्णय है.

नई दिल्लीः मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में ग्रामीण विकास मंत्रालय को 1.07 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का विशाल आवंटन प्राप्त होने की सम्भावना है.

मंत्रालय के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि सर्वोत्कृष्ट महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को लगभग 55,000 करोड़ रूपये प्राप्त हो सकते हैं, जो 2017-18 में 48,000 करोड़ रूपये के अनुमानित बजट से 14 फीसदी अधिक है. जब से इस योजना को प्रारंभ किया गया, तब से अब तक यह इस योजना के लिए सबसे अधिक आवंटन था.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार अपनी अमीरों की सरकार वाली छवि, जिसके लिए अक्सर विपक्ष द्वारा इसकी आलोचना की जाती है, को सुधारने की कोशिश करती रही है और साथ ही यह ग्रामीण मतदाता वर्ग को लुभाने का प्रयास भी कर रही है. देश के कई हिस्सों में कृषि संकट भी, संभवतः भाजपा सरकार पर ग्रामीण मतदाताओं को तेजी से लुभाने के लिए जोर डाल रहा है.

वित्तीय वर्ष 2016-17 में मनरेगा को 38,500 करोड़ रूपये के प्रारंभिक बजट का आवंटन किया गया था, जो बाद के संशोधनों के कारण बढ़कर 47,499 करोड़ रूपये हो गया.

फरवरी 2006 में शुरू की गई मनरेगा, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिन का रोजगार देने का वादा करती है.

मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि “मनरेगा को करीब 55,000 करोड़ रूपये प्राप्त होने की सम्भावना है. यह वही है जो मध्यकालिक व्यय तंत्र भी प्रस्तावित करता है” “लेकिन यह माँग पर आधारित योजना है, राज्यों द्वारा प्रस्तुत मांग और श्रम बजट के आधार पर निधि आवंटनों में इस साल के दौरान वृद्धि हो सकती है”.

इस साल, मनरेगा में आवंटित की गई राशि का लगभग 89 प्रतिशत हिस्सा उपयोग में लाया जा चुका है. इस सरकार में इस लोकप्रिय योजना में आवंटनों को महत्व मिला जबकि भाजपा पर योजना को मंद करने के प्रयासों का आरोप लगा था और यह भी आरोप लगा था कि जब भाजपा सत्ता में आई थी तो इसकी निधि में कटौती की कोशिश की थी.

अधिकारियों का कहना है कि आगामी वर्ष में मंत्रालय का सबसे ज्यादा जोर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के जरिए आजीविका में वृद्धि करने पर होगा. 2017-18 में इस योजना में 4,500 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया था लेकिन अब इस योजना के लिए 5,500 करोड़ रूपये आवंटित किये जाने के सम्भावना है.

भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने ग्रामीण आवास योजना – “प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)” पर जोर दिया है. इस योजना ने पिछले बजट में 23,000 करोड़ रूपये प्राप्त किए थे और 2019 तक इस योजना को 1 करोड़ घरों के निर्माण के लक्ष्य के लिए आवश्यक कुल नियोजित आवंटन के शेष हिस्से को पूरा करने के लिए 21,000 करोड़ रूपये और मिलेंगे.

सड़कों के निर्माण के लिए एक और महत्वपूर्ण योजना “प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)” है, जिसके लिए 19,000 करोड़ रूपये का बजट है. उम्मीद की जा रही है कि यह अधिक से अधिक इतना ही रहेगा.

अधिकारियों का कहना है कि कुल मिलाकर वे, ग्रामीण विकास और भू-संसाधन दोनों विभागों के लिए 1,14,000 करोड़ के कुल आवंटन की उम्मीद रखते हैं.

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