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Sunday, 22 September, 2024
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गिरफ्तारी के बाद गुजरात विधायक जिग्नेश मेवानी असम पुलिस की रिमांड में भेजा गया

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कोकराझार/अहमदाबाद, 21 अप्रैल (भाषा) गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को यहां की एक अदालत ने तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया । इससे पहले निर्दलीय विधायक को एक कथित ट्वीट के कारण गिरफ्तार कर यहां लाया गया था ।

कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक मेवानी को शाम को अहमदाबाद से गुवाहाटी होते हुये कोकराझार लाया गया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया।

मेवानी के अधिवक्ता मनोज भगवती ने बताया, ‘‘पुलिस ने 14 दिन की हिरासत मांगी, जिस पर हमने आपत्ति जताई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तीन दिन का पुलिस रिमांड दिया और कहा कि इस दौरान उन्हें कोकराझार के बाहर कहीं भी नहीं ले जाया जा सकता है।’’

भगवती, जिन्हें असम कांग्रेस द्वारा मेवानी के सहयोगी के रूप में नियुक्त किया गया था, ने कहा कि मेवानी की ओर से दायर जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया ।

कोकराझार पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद मेवानी को बुधवार रात गुजरात के पालनपुर शहर से गिरफ्तार किया गया था।

मेवानी को बृहस्पतिवार सुबह गुजरात से विमान के जरिये गुवाहाटी लाया गया और फिर सड़क मार्ग से कोकराझार ले जाया गया।

मेवानी की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे ‘‘अलोकतांत्रिक’’ और ‘‘असंवैधानिक’’ करार दिया।

राहुल ने कहा यह उन लोगों का अपमान है जिन्होंने उन्हें (मेवानी को) जनप्रतिनिधि के तौर पर चुना है।

प्राथमिकी के मुताबिक मेवानी ने ट्वीट में कथित तौर पर दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘‘गोडसे को भगवान मानते हैं।’’

कोकराझार पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि कांग्रेस को समर्थन देने का संकल्प करने वाले बनासकांठा की वडगाम सीट से निर्दलीय विधायक मेवानी ने मोदी की गुजरात यात्रा के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव की अपील करने के लिए इसी ट्वीट का इस्तेमाल किया था। प्राथमिकी की प्रति पीटीआई के पास है ।

मेवानी की गिरफ्तारी से नाराज गुजरात में कांग्रेस के नेताओं ने शहर के सारंगपुर सर्किल पर प्रदर्शन किया और उनकी रिहाई की मांग की।

बनासकांठा थाने के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘बुधवार देर रात पालनपुर सर्किट हाउस से असम पुलिस ने मेवानी को हिरासत में लिया और स्थानीय पुलिस को सूचित करने के बाद उन्हें असम ले गई।’’

बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना ने असम पुलिस द्वारा मेवानी की गिरफ्तारी और पालनपुर पुलिस को सूचित करने के बाद उन्हें पूर्वोत्तर राज्य ले जाए जाने की पुष्टि की है।

मेवानी बनासकांठा के वडगाम (सु) सीट से 2017 में कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय विधायक निर्वाचित हुए। हालांकि वह सैद्धांतिक रूप से कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन वह औपचारिक रूप से अभी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। उन्होंने पहले कहा था कि वह अगला चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे।

मेवानी के सहयोगी सुरेश जाट ने बताया कि गुजरात के प्रमुख दलित नेता मेवानी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया, जो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित अपराधों से जुड़ी हुई है। यह प्राथमिकी असम के कोकराझार थाने में दर्ज कराई गई थी।

जाट ने कहा, ‘‘ असम पुलिस के अधिकारियों द्वारा साझा किए गए एक दस्तावेज के अनुसार, मेवानी के कुछ दिन पुराने एक ट्वीट के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि, इस ट्वीट को ट्विटर ने हटा दिया है।’’

भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के अलावा मेवानी के खिलाफ धारा 295ए (धार्मिक भावनाएं आहत करने के लक्ष्य से किया गया गलत व्यवहार) और 504 (शांति भंग करने की मंशा से किया गया कार्य) तथा सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

मेवानी की गिरफ्तारी के बारे में सूचना मिलने पर कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और अन्य पार्टी नेता सुबह करीब चार बजे अहमदाबाद हवाई अड्डे पहुंचे और मेवानी के साथ एकजुटता दिखाई।

विधायक की गिरफ्तारी के खिलाफ सारंगपुर सर्किल पर हुए प्रदर्शन में ठाकोर, विपक्ष के नेता सुखराम राठवा और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सिद्धार्थ पटेल सहित अन्य नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए और भाजपा विरोधी नारे लगाए।

शहर के पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान एक व्यस्त सड़क रोकने का प्रयास करने पर ठाकोर सहित कांग्रेस के करीब 20 नेताओं/कार्यकर्ताओं को कुछ देर के लिए एहतियातन हिरासत में लिया गया था।

गुजरात से गिरफ्तार किए गए विधायक मेवानी को असम लाये जाने के कुछ ही घंटे बाद पूर्वोत्तर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बृहस्पतिवार को यह दावा कर सबको चौंका दिया कि उन्हें नहीं पता कि मेवानी कौन हैं।

हालांकि, असम की कांग्रेस इकाई को इस गिरफ्तारी के पीछे एक साजिश नजर आई और एक कथित ट्वीट को लेकर गिरफ्तार किये गये दलित नेता की मदद के लिए कानूनी विशेषज्ञों को भेज दिया।

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि इसमें साजिश की बू आ रही है।

मेवानी की गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्होंने कहा, ‘‘मेवानी हमेशा भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ मुखर रहे हैं।’’

एपीसीसी के प्रवक्ता मंजीत महंत ने कहा कि अगर मेवानी को जमानत पर रिहा नहीं किया गया तो कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी।

प्रवक्ता ने बताया, ‘‘हम गुवाहाटी नगर निगम चुनाव (शुक्रवार को होने वाले) के कारण दो दिनों तक इंतजार करेंगे। अगर इस बीच मेवानी को जमानत नहीं दी जाती है, तो हम आंदोलन शुरू करेंगे।’’

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के छात्र मोर्चा ने मेवानी की असम पुलिस द्वारा की गयी गिरफ्तारी पर आश्चर्य जताया और इसके पीछे निहित राजनीतिक स्वार्थ होने का आरोप लगाया। मेवानी यहां 30 अप्रैल से होने वाले प्रस्तावित द्रमुक सम्मेलन में विशेष आमंत्रितों में से एक हैं।

द्रमुक ने कहा कि पार्टी मेवानी के साथ खड़ी है । द्रमुक की युवा शाखा के सचिव और विधायक सीवीएमपी एझिलारासन ने मेवानी को अपना दोस्त बताया और उनसे मजबूत बने रहने के लिए कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘साहस के साथ खड़े रहो मेरे प्यारे दोस्त। द्रमुक की युवा शाखा तुम्हारे साथ है ।’’

भाषा रंजन रंजन उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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