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Sunday, 17 November, 2024
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एकीकृत दिल्ली नगर निगम औपचारिक रूप से अस्तित्व में आया

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नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) आईएएस अधिकारियों-अश्विनी कुमार और ज्ञानेश भारती ने क्रमश: एकीकृत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के विशेष अधिकारी और आयुक्त के रूप में रविवार को कार्यभार संभाल लिया।

इस तरह एकीकृत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) औपचारिक रूप से अस्तित्व में आ गया।

वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान एमसीडी को तीन भागों में विभाजित किया गया था। अब यह तीन नगर निकायों- उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगमों को मिलाकर फिर से एक हो गया है।

निगम अधिकारियों ने कहा कि नए सदन का चुनाव होने तक विशेष अधिकारी निगम के मामलों को संभालने वाला शीर्ष अधिकारी होगा।

उन्होंने कहा कि जनता को सर्वोत्तम नागरिक सुविधाएं प्रदान करना और स्वच्छता सेवाओं में सुधार उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताएं होंगी।

कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘स्वच्छता किसी भी नगर निकाय का एक बुनियादी और अनिवार्य कार्य है तथा इसका प्रभाव हमेशा जमीन पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इसलिए मेरी प्राथमिकता शहर में स्वच्छता सेवाओं को और बेहतर करने की होगी।’

एजीएमयूटी कैडर के 1992 बैच के आईएएस अधिकारी कुमार पुडुचेरी के मुख्य सचिव थे। केंद्र सरकार ने हाल में उनका स्थानांतरण दिल्ली किया था और वह नयी तैनाती का इंतजार कर रहे थे।

उन्होंने रविवार को एमसीडी मुख्यालय ‘सिविक सेंटर’ में विशेष अधिकारी का पदभार ग्रहण किया।

वहीं, भारती एजीएमयूटी कैडर के 1998 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और फिलहाल दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त हैं। वह दिल्ली के तीन निगम आयुक्तों में सबसे वरिष्ठ थे।

भारती ने कहा, ‘मेरी प्राथमिकता दिल्ली के लोगों को पारदर्शी तरीके से नगर निगम की बेहतरीन सेवाएं मुहैया कराने की होगी।’

केंद्र ने बुधवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों का 22 मई को औपचारिक तौर पर विलय होगा।

तीन नगर निकायों को एकजुट करने के लिए एक विधेयक को 30 मार्च को लोकसभा और पांच अप्रैल को राज्यसभा द्वारा अनुमोदित किया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 18 अप्रैल को सहमति दिए जाने के बाद यह विधेयक एक अधिनियम बन गया।

अधिनियम राष्ट्रीय राजधानी में वार्ड संख्या को मौजूदा 272 से घटाकर 250 करने की बात कहता है, जिसका अर्थ है कि चुनाव से पहले एमसीडी को परिसीमन की कवायद से गुजरना होगा। वार्ड सीमांकन के लिए केंद्र एक परिसीमन आयोग का गठन करेगा।

भाषा

देवेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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