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Monday, 18 November, 2024
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उप्र : अंशकालिक अनुदेशकों और रसोइयों का मानदेय बढ़ाने को कैबिनेट ने दी हरी झंडी

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लखनऊ, 26 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात अंशकालिक अनुदेशकों और रसोइयों का मानदेय बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

मंत्रिमंडल ने एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा के संचालन, एंबुलेंस तथा गश्ती वाहन की उपलब्धता से संबंधित निविदा को भी अनुमोदन दे दिया।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले के तहत बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत लगभग 27,555 अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय को सात हजार रुपये से बढ़ाकर नौ हजार रुपये प्रतिमाह किया जाएगा।

उन्होंने बताया, “इसके अलावा बेसिक स्कूलों में मिड डे मील योजना के तहत भोजन बनाने वाले 3,77,520 रसोईयों का मानदेय 1500 रुपये से बढ़ाकर दो हजार रुपये करने का भी प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में पारित किया गया है। साथ ही सभी महिला रसोइयों को साल में एक बार साड़ी और पुरुष रसोइयों के लिए पैंट-शर्ट की व्यवस्था के लिए 500-500 रुपये की धनराशि देने का फैसला भी लिया गया है।”

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर टोल प्लाजा के सिलसिले में मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय के बारे में प्रदेश के उद्योग मंत्री नंद गोपाल ‘नंदी’ ने बताया कि बैठक में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर स्थापित टोल प्लाजा के संचालन, पथ कर के संग्रहण तथा छह एंबुलेंस और 12 गश्ती वाहन आवश्यक कर्मियों के साथ उपलब्ध कराने के लिए एजेंसी के चयन के संबंध में निविदा को मंजूरी दी गई।

एक्सप्रेस-वे पर पथ कर कब से वसूला जाएगा, इस सवाल पर नंदी ने बताया, “कैबिनेट ने निविदा को आज ही मंजूरी दी है। अभी इसका अनुबंध तैयार होगा और जितनी जल्दी हो सकेगा पथ कर वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।”

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इस अवसर पर बताया कि आज कैबिनेट की बैठक में कुल नौ प्रस्ताव पारित किए गए।

उन्होंने कैबिनेट में पारित किए गए एक अन्य प्रस्ताव का जिक्र करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश अब अपने स्तर पर लगभग 10 लाख लीटर एचपीएलसी लिक्विड का उत्पादन करेगा। यह एक प्रकार का इथेनॉल है जिसका इस्तेमाल रसायनिक प्रयोगशालाओं में किया जाता है। राज्य सरकार अभी तक चीन से इसका आयात करती थी।

खन्ना ने बताया कि कैबिनेट ने नाबार्ड द्वारा वित्तपोषित ‘‘ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष ’’ (रूरल इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट फंड) के अंतर्गत बनने वाली सड़कों की लागत में उनका पांच वर्षों का अधिकतम 10 फीसदी अनुरक्षण व्यय शामिल करने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

उन्होंने बताया कि विधानसभा के सत्र में समय-समय पर आने वाले सरकारी प्रस्तावों, चाहे वह संकल्प हों, कोई विधेयक हों या कोई अन्य प्रस्ताव हों, उसके लिए उनकी अध्यक्षता में एक समिति के गठन की अनुमति भी दी गयी है। इस समिति में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य, जयवीर सिंह और धर्मपाल सिंह भी सदस्य होंगे।

भाषा सलीम

नोमान मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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