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Monday, 18 November, 2024
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आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सहरसा के जेल अधीक्षक के परिसरों पर छापा

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पटना, छह मई (भाषा) बिहार की विशेष निगरानी इकाई (एसयूवी) की टीम ने आय से अधिक सम्पत्ति के मामले सहरसा के जेल अधीक्षक सुरेश चौधरी के विभिन्न ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की।

एसयूवी के अपर महानिदेशक नय्यर हसनैन खान ने बताया कि चौधरी पर आरोप है कि सरकारी सेवा में रहते हुए उन्होंने गलत तरीके से अकूत सम्पत्ति अर्जित की है जो कि उनके द्वारा प्राप्त वेतन एवं अन्य ज्ञात स्रोतों की तुलना में बहुत अधिक है।

उन्होंने बताया कि इसी आरोप के तहत चौधरी के खिलाफ मुजफ्फरपुर के आवास और सहरसा के कार्यालय एवं आवास में शुक्रवार को छापेमारी की गयी। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान मिलने वाली सम्पत्ति आरोपी की आय से लगभग चार गुनी से अधिक पायी गयी।

खान ने बताया कि आरोपी के पास दो तीन मंजिला इमारत हैं जिसकी अनुमानित लागत लगभग चार करोड़ रुपये से भी अधिक होने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान मुजफ्फरपुर एसबीआई बैक के खाते में 17 लाख रूपये, पंजाब नेशनल बैक में लगभग 3 लाख रूपये 11 लाख रूपये नकद राशि बरामद किया गया है।

खान ने बताया कि तलाशी के दौरान आरोपी द्वारा काफी राशि जमीन खरीदने में किया गया है जिसका लगभग 15 डीड प्राप्त हुआ जो मुख्यतः मुजफ्फरपुर, मोतीपुर और हाजीपुर का है इनमें लगभग तीन करोड़ से अधिक राशि निवेश होने के साक्ष्य मिले हैं।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा आरोपी और उसके आश्रितों के पास से लगभग 38 से अधिक बैंक में खाते एवं सावधि जमा है। लाखों रूपये कीमत के जेवरात भी मिले हैं।

खान ने बताया कि चौधरी ने अपने वेतन का पैसा पिछले एक साल से नहीं निकाला है।

उन्होंने बताया कि चौधरी की बहाली सहायक जेलर के रूप में 1994 में हुई थी।

खान ने बताया कि चौधरी के चार संतानें हैं। प्राईवेट मेडिकल कॉलेज में एक बेटी का नामांकन 15 लाख रूपये खर्च कर कराया है। एक पुत्री बंगलोर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। दूसरा पुत्र मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहा है। एक अन्य पुत्र मुजफ्फरपुर इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहा है। इनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई एवं हवाई यात्रा पर कई लाख रूपये का खर्चा है।

भाषा अनवर अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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