गुवाहाटी, 22 जुलाई (भाषा) असम का वन विभाग गोलाघाट जिले में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) के परिसर में एक जंगली हाथी की हाल ही में हुई मौत और कथित तौर संबंधित अधिकारियों को सूचित किए बगैर उसे दफनाए जाने की जांच कर रहा है।
एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि 18 जुलाई को ‘बटरफ्लाई पार्क’ में एक मादा हाथी की बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई थी। यह पार्क शोधनशाला (रिफाइनरी) का ही एक हिस्सा है।
मामले की जांच कर रहे वन विभाग ने अभी तक इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
इस बीच एनआरएल के एक प्रवक्ता ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि यह घटना ‘दुर्भाग्यपूर्ण है और हम वन विभाग को उनकी जांच में पूरा सहयोग दे रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि प्रबंधन के संज्ञान में आने से पहले ही हाथी को दफना दिया गया था और ऐसा मुख्य रूप से पास में ही मौजूद झुंड के बाकी सदस्यों के हमले के डर से किया गया था।
प्रवक्ता ने कहा कि घटना को छिपाने का कोई इरादा नहीं था, जैसा कि कुछ वर्गों द्वारा आरोप लगाया गया है।
संरक्षण जैव विविधता समूह ‘आरण्यक’ ने इस घटना पर ‘गहरी चिंता और आक्रोश’ व्यक्त किया है।
संगठन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘यह चौंकाने वाला है कि शोधनशाला के अधिकारियों ने वन विभाग को सूचित किए बिना हाथी को दफना दिया। यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (जिसे 2022 में संशोधित किया गया है) का घोर उल्लंघन है।’’
संगठन ने वन विभाग से तत्काल कार्रवाई करने और वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम 2022 की धारा 39 और धारा नौ के उल्लंघन के लिए नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज करने का भी आग्रह किया।
भाषा
शुभम संतोष
संतोष
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