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Saturday, 5 October, 2024
होमदेशअदालत ने कोर्ट कमिश्नर बदलने वाली मांग पर नौ मई तक के लिए फैसला सुरक्षित किया

अदालत ने कोर्ट कमिश्नर बदलने वाली मांग पर नौ मई तक के लिए फैसला सुरक्षित किया

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वाराणसी (उप्र) सात मई (भाषा) वाराणसी की एक जिला अदालत ने शनिवार को मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से अदालत द्वारा श्रृंगार गौरी मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी के लिए नियुक्त आयुक्त (कोर्ट कमिश्नर) को बदलने की मांग वाली याचिका पर अपना आदेश नौ मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया। मुसलमानों के विरोध के कारण टीम सर्वेक्षण का कार्य पूरा नहीं कर सकी।

अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्त हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों के वकीलों के साथ ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मंदिर परिसर के अंदर गए, लेकिन करीब दो घंटे अंदर बिताने के बाद सर्वे टीम बिना काम पूरा किए ही बाहर आ गयी ।

सर्वेक्षक के साथ परिसर के अंदर गए हिंदू पक्ष के एक वकील विष्णु जैन ने संवाददाताओं से कहा कि मस्जिद में मौजूद मुसलमानों ने टीम को अदालत के आदेश के अनुसार वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण कार्य करने के लिए मस्जिद क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी।

उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने सर्वे टीम को अपना काम करने में मदद नहीं की।

जैन ने कहा कि वे मामले के बारे में नौ मई को अदालत को बताएंगे और ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण करने के लिए विशेष आदेश मांगेंगे।

वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में शनिवार की सुबह मुस्लिम पक्ष ने अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्त को बदलने की याचिका दाखिल की।

अदालत ने अर्जी पर सुनवाई के बाद अगली सुनवाई नौ मई को करने तक फैसला सुरक्षित रख लिया।

जब सर्वे टीम मस्जिद-मंदिर परिसर के अंदर जा रही थी तो पुलिस ने एक मुस्लिम को धार्मिक नारा लगाते हुए पकड़ लिया और उसे थाने ले गई।

दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू और अन्य की दैनिक पूजा और श्रृंगार गौरी में अनुष्ठान करने की अनुमति की मांग करने वाली याचिका पर धार्मिक स्थल की वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण करने के लिए उसी अदालत के पहले के आदेश पर यह प्रक्रिया शुरू की है। ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर भगवान गणेश, भगवान हनुमान और नंदी स्थित हैं।

उन्होंने 18 अप्रैल, 2021 को अपनी याचिका के साथ अदालत का रुख किया था और विरोधियों को मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने से रोकने की मांग की थी।

मस्जिद प्रबंधन समिति (अंजुमन इंतजामिया मस्जिद) के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने पत्रकारों से कहा कि अदालत ने मस्जिद परिसर के अंदर वीडियोग्राफी करने का कोई आदेश नहीं दिया था, बल्कि बैरिकेडिंग के बाहर चबूतरे की वीडियोग्राफी का आदेश दिया है।

यादव ने बताया, ”कल शुक्रवार को आयोग की कार्यवाही अपराह्न चार बजे शुरू हुई और मस्जिद के पश्चिम की तरफ जो चबूतरा है उसकी वीडियोग्राफी कराई गई। उसके बाद कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद का प्रवेश द्वार खुलवाकर अंदर जाने का प्रयास किया, जिस पर मैंने विरोध दर्ज कराया और कहा कि अदालत ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है कि मस्जिद के अंदर जाकर उसकी वीडियोग्राफी की जाए।”

उन्होंने आरोप लगाया, ”लेकिन कोर्ट कमिश्नर ने दावा किया कि उन्हें ताला खुलवा कर उसकी वीडियोग्राफी कराने का आदेश मिला है, मगर सच्चाई यह है कि ऐसा कोई आदेश नहीं है, लिहाजा मैं कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर सीधे प्रश्न चिन्ह खड़ा करता हूं।”

हिंदू पक्ष के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि कोर्ट कमिश्नर को बदलने की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

रस्तोगी ने बताया कि कोर्ट कमिश्नर अपना काम कर रहे हैं और इस कार्य को व्यवधानित करने के लिए अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की तरफ से एक प्रार्थना पत्र दिया गया था और कोर्ट कमिश्नर पर इल्जाम लगाया था कि वो वादी पक्ष से मिलकर कार्य कर रहे हैं, इसलिए उन्हें बदल दिया जाए।

उन्होंने कहा है कि अंजुमन इंतजामिया मस्जिद भ्रामक अर्जी दे रही है और इस कार्रवाई में व्यवधान उत्पन्न कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह न्यायालय के आदेश की अवमानना करने की कोशिश है।

रस्तोगी ने बताया कि अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं उन्होंने साफ किया कि सर्वे होगा और अदालत ने इस पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगायी है।

उल्लेखनीय है कि अदालत द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर ने शुक्रवार को वाराणसी की एक अदालत के आदेश पर यहां ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर कुछ इलाकों की वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण किया।

कोर्ट कमिश्नर ने शुक्रवार को ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर कुछ इलाकों की वीडियोग्राफी और सर्वे किया था।

भाषा सं आनन्द

रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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