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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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अदालत का नर्सिंग होम में अग्नि सुरक्षा अनुपालन की जांच के लिए समिति गठित करने का निर्देश

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नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोगों, कर्मचारियों और मरीजों की सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए प्राधिकारियों को अग्नि सुरक्षा नियमों के अनुपालन के संबंध में शहर के कई नर्सिंग होम का निरीक्षण करने के लिए एक संयुक्त समिति गठित करने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति संजीव नरुला ने 2019 में दिल्ली सरकार द्वारा गठित एक उप-समिति से अग्नि रोकथाम समेत विभिन्न कानूनों के अनुपालन के संबंध में नर्सिंग होम की स्थिति की समीक्षा करने और अदालत में एक अंतिम रिपोर्ट सौंपने का भी अनुरोध किया।

उच्च न्यायालय ने नर्सिंग होम के एक संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए नर्सिंग होम में आग लगने और अग्नि सुरक्षा अनुपालन में खामियों की हाल की घटनाओं पर गौर किया। अदालत ने कहा कि अभी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को सुरक्षित रखने के लिए ऐसे परिसरों में अग्नि सुरक्षा के लिए आवश्यक मूलभूत उपकरण उपलब्ध हों।

अदालत ने तीन जुलाई को दिए अपने आदेश में कहा, ‘‘प्रतिवादी संख्या दो (स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, दिल्ली सरकार) और तीन (दिल्ली दमकल सेवा) के साथ ही प्रतिवादी संख्या चार – दिल्ली विकास प्राधिकरण को आज से दो सप्ताह के लिए सभी नर्सिंग होम का निरीक्षण करने के लिए एक संयुक्त समिति गठित करने का निर्देश दिया जाता है जो कि याचिकाकर्ता संख्या -1 का हिस्सा है। याचिकाकर्ता प्रतिवादी संख्या दो को सभी सदस्य नर्सिंग होम की एक सूची उपलब्ध कराए।’’

उसने कहा, ‘‘जनता खासकर स्टाफ और मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि है। नतीजतन, अदालत की तत्काल प्राथमिकता जन सुरक्षा सुनिश्चित करना और यह सुनिश्चित करना है कि कानून के अनुसार अग्नि सुरक्षा के मूलभूत उपकरण निजी नर्सिंग होम के परिसरों में उपलब्ध हों।’’

याचिकाकर्ता दिल्ली चिकित्सा संघ ने 2022 में दायर अपनी याचिका में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा अगस्त 2019 में जारी एक नोटिस को चुनौती दी है जिसमें दिल्ली दमकल सेवा को दिल्ली में सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम द्वारा उपलब्ध अग्नि सुरक्षा कदमों का ऑडिट करने का अनुरोध किया गया है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि यह दिल्ली में निजी नर्सिंग होम के हितों का प्रतिनिधित्व करता है और तर्क दिया कि अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करने का आदेश उन नर्सिंग होम पर लागू नहीं होता है जो आवासीय क्षेत्रों में ‘मिश्रित-उपयोग’ वाली भूमि पर संचालित किए जा रहे हैं।

इस मामले पर अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।

भाषा

गोला नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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