नई दिल्ली: भारतीय फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने शुक्रवार को घोषणा की कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने एंटीवायरल दवाई विराफिन को उन व्यस्कों पर इस्तेमाल करने की ‘प्रतिबंधित आपातकालीन मंजूरी’ दे दी जिन्हें कोविड संक्रमण के मध्यम लक्षण हैं.
सिंगल डोस वाली इस दवाई पर कोविड मरीज के इलाज को सुविधाजनक बनाने की उम्मीद जताई जा रही है.
अगर बीमारी की शुरुआत में विराफिन दी जाए तो इससे मरीज जल्द ठीक हो सकते हैं और मल्टी-सेंट्रिक ट्रायल ने ये दिखाया है कि इस दवा से घंटों तक मरीज को ऑक्सीजन लगाने की जो जरूरत पड़ती है, उसमें कमी आएगी. इसका ट्रायल भारत में 20 से 25 केंद्रों पर किया गया था.
ये एंटीवायरल दवा, सांस की समस्या को नियंत्रित कर सकती है. कंपनी ने यह भी कहा कि ये दवा अन्य संक्रमणों के खिलाफ भी प्रभावकारी है.
इस एंटीवायरल दवा को अब अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा और दवा का पर्चा दिखाकर इसे लिया जा सकेगा.
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विराफिन लेने पर कई मरीज 7वें दिन कोविड निगेटिव हो जाते हैं
इस दवा के फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल के बाद देखा गया कि कोविड-19 से संक्रमित मरीजों पर ये ‘प्रभावी’ है. और ये भी देखा गया कि जिन मरीजों ने विराफिन लिया था वे 7वें दिन आरटी-पीसीआर टेस्ट में निगेटिव पाए गए.
जायडस कैडिला ने अपने बयान में कहा, ‘अन्य एंटीवायरल एजेंट्स की तुलना में इस दवा की कई विशेषताएं है और ये तेजी से वायरस को बाहर करना सुनिश्चित करती है.’ फेज 3 ट्रायल के नतीजों को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीजीज में प्रकाशित कराया गया.
आपातकालीन मंजूरी पर कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ शर्विल पटेल ने कहा, ‘हम ऐसी थेरेपी देने में सक्षम हैं जिसे अगर बीमारी की शुरुआत में दिया जाए तो वायरल लोड को कम किया जा सकता है. ये मरीजों के लिए एक बहुत ही जरूरी समय पर आया है और कोविड के खिलाफ इस जंग में हम गंभीर थेरेपी में भी इसकी पहुंच सुनिश्चित कराने के लिए काम करेंगे.’
देश कोविड की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है और रोज संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले 24 घंटे में 3 लाख 32 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें 2,263 लोगों की मौत शामिल है. देश में लगातार दूसरे दिन 3 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं.
मामलों में वृद्धि के कारण देशभर में मेडिकल सुविधाएं खासकर ऑक्सीजन और बेड्स की भारी कमी की खबरें लगातार आ रही हैं.
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