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Saturday, 21 December, 2024
होमहेल्थजायडस कैडिला की भारत में बनी वैक्सीन ZyCoV-D के जून तक बाजार में आने की संभावना

जायडस कैडिला की भारत में बनी वैक्सीन ZyCoV-D के जून तक बाजार में आने की संभावना

अहमदाबाद स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी की योजना एक महीने में एक करोड़ खुराक बनाने की है. इस वैक्सीन को किशोरों पर टेस्ट भी किया जा रहा है.

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नई दिल्ली: अहमदाबाद स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी जायडस कैडिला अपनी बनाई कोविड-19 वैक्सीन ZyCoV-D की आपूर्ति जून से शुरू करने की तैयारी में है.

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के बाद ZyCoV-D नोवल कोरोनावायरस के खिलाफ देश में स्वदेशी तौर पर विकसित दूसरी वैक्सीन होगी.

हर साल ZyCoV-D की 24 करोड़ खुराक तैयार करने की योजना के साथ दवा निर्माता कंपनी को इस माह के अंत तक दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को प्रभावकारिता डेटा पेश करने की उम्मीद है.

जायडस ग्रुप के प्रबंध निदेशक डॉ. शरविल पटेल ने दिप्रिंट को बताया, ‘प्लाज्मिड वैक्सीन ZyCoV-D के लिए हमारा टेस्ट अच्छी तरह चल रहा है. हम मई अंत तक डेटा भेज देना चाहते हैं और अंततः जून में मंजूरी मिल जाने की कोशिश में लगे हैं.’

ZyCoV-D एक तीन खुराक वाली वैक्सीन है.

उन्होंने कहा, ‘हमें इस महीने अपना प्रभावकारिता डेटा मिल जाने की उम्मीद है. जैसे ही हमें प्रभावकारिता, जो दूसरे चरण (क्लीनिकल ट्रायल) में मजबूत इम्यूनोजेनेसिटी से जुड़ी है, मजबूत नज़र आई हम इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन कर देंगे.’


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साल में 24 करोड़ खुराक के उत्पादन का लक्ष्य

मंजूरी मिलते ही टीका जल्द बाजार में आ जाने की संभावना है— जो कि जायडस की उम्मीदों के मुताबिक जून है.

पटेल ने कहा, ‘हम जून के महीने में आपूर्ति शुरू कर देंगे. हमने एक साल में ZyCoV-D की 24 करोड़ खुराक तैयार करने की योजना बनाई है.’

कंपनी की योजना एक महीने में एक करोड़ खुराक के उत्पादन की है और बाद में उसे दोगुना किया जाएगा और यह क्षमता बढ़ाने के लिए अन्य निर्माताओं का सहयोग लिया जा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘शुरू में हम एक महीने में 1 करोड़ खुराक के साथ उत्पादन की शुरुआत करेंगे और बाद में इसे महीने में 2 करोड़ खुराक तक पहुंचाने के उपायों पर विचार किया जा रहा है.’

किशोरों पर भी इस टीके का टेस्ट किया जा रहा है, जिससे देश में इस आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू करने में मदद मिलेगी.

पटेल ने बताया, ‘हमने बुजुर्गों, कोमोर्बिडिटी वाले लोगों और 12-17 वर्ष की आयु के किशोरो को भी टेस्ट में शामिल किया है.’


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कैसे काम करता है टीका

ZyCoV-D एक ‘डीएनए वैक्सीन’ है जो नोवल कोरोनावायरस के शरीर की कोशिकाओं में पहुंचने के लिए जिम्मेदार प्रमुख वायरल मेंब्रेन प्रोटीन के खिलाफ काम करता है.

यह प्लाज्मिड डीएनए पर आधारित है, जो कि एक छोटा, वृत्ताकार और एक्स्ट्राक्रोमोसोमल बैक्टीरियल डीएनए है. इसका उपयोग जेनेटिक इंजीनियरिंग में किया जाता है.

प्लास्मिड डीएनए में सेल्फ-रेप्लीकेशन की अनूठी प्रकृति होती है, जिस वजह से इसका उपयोग तमाम मॉलीक्यूलर जेनेटिक रिसर्च में किया जा सकता है, जैसे जीन थेरेपी, जीन ट्रांसफर और रिकॉम्बीनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी.

जायडस कैडिला ने ZyCoV-D के ट्रायल के लिए 28,000 से अधिक वालंटियर को भर्ती किया है और यह दावा भी किया है कि यह ‘अभी तक का देश में सबसे बड़ा टेस्ट (कोविड वैक्सीन के लिए) से ज्यादा व्यापक है.’

पटेल ने कहा, ‘हमारी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल वास्तव में तमाम ज्ञात वैरिएंट (वायरस के) के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावकारिता का दर्शाने वाला होगा क्योंकि महामारी की इस लहर में तमाम वैरिएंट सामने आए हैं. ऐसे में इस ट्रायल के नतीजे किसी भी अन्य टीके की तुलना में अधिक प्रभावकारिता डेटा वाले होंगे.’

ऐसे समय जबकि भारत घातक दूसरी लहर से जूझ रहा है जिसमें, आधिकारिक डेटा के मुताबिक, अप्रैल की शुरुआत में रोजाना संक्रमण के मामले चार लाख के पार पहुंचने लगे, कंपनी ने पहले ही अन्य वैक्सीन और दवा निर्माताओं के साथ चर्चा शुरू कर दी है जो ZyCoV-D का उत्पादन बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं.

जिन कंपनियों से बातचीत चल रही है उनके नाम का खुलासा किए बिना पटेल ने कहा, ‘हम क्षमता बढ़ाने के लिए एक-दो भारतीय निर्माताओं के साथ करार करने की प्रक्रिया में हैं. हालांकि, टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर चुनौतीपूर्ण कार्य है और इसी वजह से प्रक्रिया में समय लग रहा है.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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