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Tuesday, 7 May, 2024
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क्रिसमस के बाद हम इतना ‘सुस्त’ क्यों महसूस करते हैं? जानिए, क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक

‘बेस्ट पॉसिबल सेल्फ’ एक्सरसाइज, कागज के एक टुकड़ा पर, दस मिनट के लिए अपने बारे में बेहतरीन बातों को लिखने की प्रक्रिया को कहते हैं.

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डबलिन: आमतौर पर छुट्टियों का मौसम एक खुशी का अवसर होता है लेकिन बहुत से लोग उत्सव के तुरंत बाद बड़ा सुस्त महसूस करते हैं. क्रिसमस के बारे में ऐसा क्या है जो लोगों को ऐसा महसूस कराता है?

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि सुस्ती या खराब मूड की यह भावना अमूमन अस्थाई होती है और इसके लिए किसी खास वजह को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. खराब मूड, खालीपन और अनमनेपन की वजह से होने वाली उदासी लंबे समय तक चलने वाली एक स्थिति है जो लोगों के साथ हफ्तों या महीनों तक रह सकती है. अगर इससे छुटकारा हासिल न किया जाए तो यह अवसाद का कारण बन सकती है.

लोगों को लगता है कि यह कुछ हद तक लक्ष्यों से संबंधित है. लक्ष्य निर्धारित करना और फिर उसे हासिल करने के लिए कोशिश करना एक बुनियादी मानवीय जरूरत है. एक लक्ष्य तक पहुंचने का एहसास लोगों को प्रेरित, उत्साहित और खुश रखता है. इससे भी अहम बात यह है कि लक्ष्य रखने और उनके प्रति प्रगति देखने से उत्साह, जोश या गर्व जैसी सकारात्मक भावनाएं बढ़ सकती हैं. यही वजह है कि क्रिसमस की तैयारी इतनी उत्साहजनक हो सकती हैं.

सभाओं का आयोजन करना, अपने घर को सजाना, रात के खाने की योजना बनाना – इन सभी गतिविधियों का उद्देश्य एक अच्छे क्रिसमस के लक्ष्य को पूरा करना है. लक्ष्यों के साथ समस्या यह है कि जब उन्हें हासिल कर लिया जाता है तो वो लोगों को खालीपन का एहसास कराते हैं.

इसे ठीक करने का सबसे अच्छा तरीका दूसरा लक्ष्य बनाना है. जनवरी या नए साल के लिए एक रोमांचक लक्ष्य बनाना आपकी सेहत को ठीक रखने के लिए एक प्रेरक शक्ति बन सकता है लेकिन लक्ष्य निर्धारित करना नकारात्मक भावना को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं है. आपको अपने शरीर की भी देखभाल करने की जरूरत है.

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एक स्वस्थ शरीर

शरीर का मन पर जो प्रभाव पड़ता है, वह आपको क्रिसमस के बाद भी उदास महसूस करवा सकता है. त्योहारों के मौसम में औसतन लोगों का वजन एक पाउंड (0.45 किग्रा) तक बढ़ जाता है. दुर्भाग्य से, इस नए प्राप्त वजन को कम करना मुश्किल हो सकता है.

साथ ही, अधिक खाने से मूड खराब होता है. रिसर्च से पता चला है कि अपने वजन पर नियंत्रण रखने और अनावश्यक पाउंड जमा होने से रोकने में आपकी मदद करने के लिए, नियमित रूप से अपना वजन जांचना या बीच-बीच में उपवास करना आपको कम खाने और उत्सव की अवधि में अपना वजन बनाए रखने में मदद कर सकता है.

क्रिसमस के बाद वजन बढ़ना ही एकमात्र समस्या नहीं है जिसे लोग अनुभव करते हैं. लोग अपनी दिनचर्या महत्वपूर्ण रूप से बदलते हैं: वो ज्यादा खाते हैं, अधिक पीते हैं और अधिक सोते हैं. वो सामान्यत: जितनी शराब पीते हैं, त्यौहारों के दौरान उससे दोगुनी मात्रा में पीते हैं. इसके अलावा, सोने के समय में भी बदलाव आता है, जिसमें लोग सामान्य से औसतन 5% अधिक सोते हैं. ये सभी बदलाव आपके मूड को प्रभावित कर सकते हैं.

क्रिसमस के बाद कम उत्साह महसूस करने के लिए, एक नई, स्वस्थ दिनचर्या स्थापित करना आवश्यक है. उदाहरण के लिए, पौधों पर आधारित आहार पर स्विच करने से ऊर्जा के स्तर और सोचने और तर्क करने की क्षमता (संज्ञानात्मक कार्य) में सुधार होता है. यह जलन को भी कम करता है और पारंपरिक आहार, जैसे कम कैलोरी या कम मात्रा वाले खाने पर जाने की तुलना में इसका प्रभाव अधिक प्रबल और स्थायी होता है. यह मूड में भी सुधार कर सकता है जो सुस्ती की भावना को दूर कर देगा.

सप्ताहांत प्रभाव

सुस्त महसूस करना सप्ताहांत प्रभाव और छुट्टियों के बाद काम की सामान्य दिनचर्या पर वापिस लौटने के एहसास की वजह से भी हो सकता है. सप्ताहांत में अपने समय को अपने हिसाब से गुजारने और लोगों से मिलने जुलने का मौका मिलने के कारण लोगों का मूड अच्छा हो जाता है लेकिन वीकेंड खत्म होते ही मूड काफी खराब हो जाता है. क्रिसमस के अंत में भी कुछ लोगों के लिए भी ऐसा ही होता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें तत्काल काम पर वापस जाना पड़ता है.

क्रिसमस के खत्म होने और पुरानी रूटीन में वापस आने के विचार, उदासी की भावना को बढ़ा सकते हैं.

कई गतिविधियां आपको डर या चिंता के बजाय भविष्य के बारे में अधिक आशावाद के साथ सोचने में मदद कर सकती हैं. ऐसी ही एक एक्टिविटी ‘बेस्ट पॉसिबल सेल्फ’ एक्सरसाइज है, जहां आप भविष्य में खुद की कल्पना करते हैं जिसमें सब कुछ वैसा ही हो गया जैसा आप चाहते थे. इससे सकारात्मक भावनाओं में तुरंत इज़ाफा होता है. स्टडी से पता चला है कि ऐसा करने वाले लोग पांच महीने बाद अपने डॉक्टर के पास कम गए हैं.

दरअसल, ‘बेस्ट पॉसिबल सेल्फ’ एक्सरसाइज, कागज के एक टुकड़ा पर, दस मिनट के लिए अपने बारे में बेहतरीन बातों को लिखने की प्रक्रिया को कहते हैं.

कल्पना कीजिए कि आपका स्वास्थ्य उत्कृष्ट है. आप अपने शरीर और दिमाग का बहुत अच्छा ख्याल रखते हैं. आपने स्वास्थ्य संबंधी अपने सभी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है. अब लिखें कि आपने क्या किया है, आपने किन बाधाओं को पार किया है, आपने इसे कैसे किया और आपको क्या रिजल्ट मिला है.

सुस्त महसूस करने के कारणों के बावजूद, यह अपने आप में अधिक महत्वपूर्ण है कि आप लक्ष्यहीनता और खराब मूड की भावना को स्वीकार करें. तभी आप इसके बारे में कुछ करने का मन बना सकते हैं. इसमें शारीरिक गतिविधि बढ़ाना, व्यायाम करना, पौष्टिक भोजन खाना, योजना बनाना, आप क्या महसूस करते हैं इसके बारे में पूरी तरह से जागरूक होना और यह मानना कि इस तरह महसूस करना ठीक है – कई अन्य लोग भी ऐसा ही महसूस करते हैं. आखिर ठीक ठाक रहना एक यात्रा है, मंजिल नहीं.


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