नई दिल्ली: टीके की खुराकों की कमी का हवाला देकर कई राज्यों द्वारा एक मई से 18 से 44 आयुवर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू करने में असमर्थता जताए जाने के बीच केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि कुछ राज्य जिन्होंने पहले ही उत्पादकों से समन्वय किया था वो निर्धारित तिथि पर अभियान शुरू करेंगे.
उसने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी नए अभियान को शुरू करने पर उसके गति पकड़ने में वक्त लगता है और टीकाकरण अभियान का यह तीसरा चरण भी समय के साथ लय में आ जाएगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य टीका उत्पादकों से खुराकों की खरीद के लिये समन्वय कर रहे हैं और केंद्र आवश्यक सहायता कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘टीकाकरण कुछ राज्यों में 1 मई से शुरू होगा जिन्होंने पहले ही उत्पादकों से समन्वय किया है. किसी भी नयी कवायद या प्रक्रिया को गति पकड़ने में समय लगता है तथा धीरे-धीरे और केंद्र बढ़ जाएंगे. कुछ समय में यह कार्यक्रम स्थिर हो जाएगा.’
दिल्ली, ओडिशा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, और पंजाब समेत कुछ राज्यों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त खुराक नहीं हैं जिससे वे 18 से 44 आयु वर्ग के लिये टीकाकरण अभियान शुरू कर पाएं.
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टीकों की कमी के कारण दक्षिण के राज्यों में शुरू नहीं होगा टीकाकरण अभियान
देश में 18 से 44 साल तक की आयु के लोगों के एक मई से होने वाले कोविड रोधी टीकाकरण की दक्षिणी राज्यों में खुराक की आपूर्ति के अभाव में शनिवार को शुरुआत होने की उम्मीद नहीं है.
तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पुडुचेरी ने कहा कि उनके पास टीकों का पर्याप्त भंडार नहीं है.
टीकों की आपूर्ति पर अनिश्चितता की वजह से तमिलनाडु सरकार ने एक मई को होने वाले टीकाकरण को शुक्रवार को टालने का फैसला किया.
तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर जे राधाकृष्णन ने कहा, ‘कल तक इंतजार करने (और लोगों को निराश करने) की जगह मैं अब स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमें नहीं पता कि टीकों की तमिलनाडु सरकार द्वारा मांगी गईं 1.5 करोड़ खुराकों में से कितनी खुराक मिलेंगी और कब मिलेंगी.’
यह पूछे जाने पर कि क्या कल टीकाकरण होगा, उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं पता कि कल हमें टीके मिलेंगे या नहीं और कितने मिलेंगे.’
राज्य सरकार को टीकों की मांग पर केंद्र से अभी जवाब नहीं मिला है.
वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने मुद्दे पर कहा कि जब टीकों की कमी है तो राज्य अपने आप कोई फैसला नहीं कर सकता.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि संबंधित आयु समूह के टीकाकरण में विलंब हो सकता है क्योंकि टीके अभी तक नहीं मिले हैं.
वहीं, आंध्र प्रदेश के प्रधान सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अनिल कुमार सिंघल ने कहा कि टीकों की कमी की वजह से टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत करने में राज्य असमर्थ है.
पुडुचेरी के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि एक मई को संबंधित आयु समूह के टीकाकरण के लिए टीकों की खेप नहीं पहुंची है और इस वजह से एक मई को होने वाला टीकाकरण कार्यक्रम विलंबित हो गया है.
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