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Friday, 1 November, 2024
होमहेल्थरूसी Sputnik V वैक्सीन 91% से अधिक प्रभावशाली, भारत में आपात इस्तेमाल को मंज़ूरी देने की सिफारिश

रूसी Sputnik V वैक्सीन 91% से अधिक प्रभावशाली, भारत में आपात इस्तेमाल को मंज़ूरी देने की सिफारिश

वैक्सीन का प्रभाव 91.6% पाया गया, और इसकी क़ीमत 10 डॉलर के आसपास हो सकती है.

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नई दिल्ली: भारतीय ड्रग नियंत्रण ऑफिस ने सिफारिश की है, कि रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-5 को आपात इस्तेमाल की मंज़ूरी दे दी जाए. अगर सरकार सिफारिश को मान लेती है, तो स्पुतनिक भारत में तीसरी वैक्सीन हो जाएगी, जिसे भारत में इस्तेमाल की मंज़ूरी मिलेगी.

सहकर्मी समीक्षा पत्रिका दि लांसेट में छपे नतीजों के अनुसार, रूस में किए गए तीसरे दौर के विश्लेषण से पता चला था, कि स्पुतनिक-5 कोविड-19 के ख़िलाफ 91.6 प्रतिशत प्रभावी है. भारत में इसका उत्पादन हेटेरो और पेनेशिया बायोटेक द्वारा किया जा रहा है. क्लीनिकल ट्रायल्स (ब्रिजिंग स्टडीज़) डॉ रेड्डीज़ लैबोरेटरीज़ द्वारा की जा रही हैं.

वैक्सीन की अधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार: ‘स्पुतनिक दुनिया की उन तीन वैक्सीन्स में से एक है, जो 90% से अधिक प्रभावी हैं. वैक्सीन के 91.6% प्रभाव की पुष्टि की गई है, जो 19,866 वॉलंटियर्स के डेटा के विश्लेषण पर आधारित है, जिन्हें कोविड-19 के 78 पुष्ट मामलों के फाइनल कंट्रोल प्वॉइंट पर, स्पुतनिक-5 वैक्सीन या प्लेसीबो के पहले और दूसरे डोज़ दिए गए थे. भागीदारों और निर्माताओं के साथ मिलकर, आरडीआईएफ स्पुतनिक-5 का उत्पादन बढ़ा रही है. वैक्सीन के एक डोज़ की क़ीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के लिए, 10 डॉलर से कम है (स्पुतनिक-5 दो ख़ुराक वाली वैक्सीन है). इस वैक्सीन को +2 to +8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है, जिससे इसे आसानी के साथ, दुनिया भर में वितरित किया जा सकता है, जिसमें पहुंचने में कठिन क्षेत्र भी शामिल हैं’. भारत में वैक्सीन की क़ीमत क़रीब 10 डॉलर रहने की संभावना है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से घटनाक्रम पर कोई अधिकारिक सूचना नहीं है, हालांकि सूत्रों ने पुष्ट किया कि एसईसी सिफारिश मंत्रालय को, ड्रग कंट्रोलर डॉ वीजी सोमानी और ज्वायंट ड्रग्स कंट्रोलर एस ईश्वर रेड्डी की ओर से सौंपी गई. अभी इसे लेकर कोई स्पष्टता नहीं है, कि ये सरकारी कार्यक्रम का हिस्सा होगी, या बिक्री के लिए उपलब्ध होगी.


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नाज़ुक क्षण पर मिलेगी मंज़ूरी

अगर सरकार केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन की एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों को मान लेती है, तो वैक्सीन के लिए मंज़ूरी ऐसे नाज़ुक समय पर आएगी, जब भारत वैक्सीन की आपूर्ति बनाए रखने में जूझ रहा है. प्रधानमंत्री के चार-दिवसीय टीकाकरण उत्सव के ऐलान के बाद, जो रविवार को शुरू हुआ, महाराष्ट्र,राजस्थान, ओडिशा समेत कई सूबे वैक्सीन की भारी कमी से दोचार हैं. भारत में अभी तक वैक्सीन के 104528565 डोज़ लगाए जा चुके हैं, लेकिन फिलहाल दो स्वीकृत वैक्सीन्स का उत्पादन, पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रहा है. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, जो भारत की देसी वैक्सीन है, 1 करोड़ प्रति माह की अपनी स्थापित क्षमता को पूरा करने में संघर्ष कर रही है, और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कुछ समय पहले सरकार को बताया, कि वो प्रति माह क़रीब 6-6.5 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन कर सकता है.

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘फिलहाल, स्वीकृति प्राप्त कोई भी निर्माता अपनी प्रतिबद्धता को पूरा नहीं कर रहा है, और हमें आलोचना झेलनी पड़ रही है. आपूर्तियां मिलते ही हम वैक्सीन्स को वितरित कर देते हैं, फिर भी राज्य शिकायत कर रहे हैं’.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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