नई दिल्ली: कोरोना की कई लहरों की मार झेल चुकी दुनिया के सामने अब ‘ओमीक्रॉन’ नाम का एक और खतरा आकर खड़ा हो गया है. दक्षिण अफ्रीका से निकलकर ओमीक्रॉन अब दुनियाभर के देशों में फैल गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि ओमीक्रॉन वैरिएंट अभूतपूर्व तेजी के साथ दुनिया में फैल रहा है.
दुनिया के 77 देशों में ओमीक्रॉन वैरिएंट के मामलों की पुष्टि हो चुकी है. डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि ओमीक्रॉन के प्रभाव को कम आकां जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘असलियत यह है कि ओमीक्रॉन ज्यादातर देशों में फैल चुका है, संभावना है कि कुछ देश इसकी पहचान नहीं कर पाए हैं.’
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि जिस रफ्तार से ओमीक्रॉन फैल रहा है, उतनी तेजी पहले किसी वैरिएंट में देखने को नहीं मिली है.
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— World Health Organization (WHO) (@WHO) December 14, 2021
हाल ही में आया डेटा बताता है कि वायरस का वैरिएंट वैक्सीन को भी चकमा दे सकता है और यह कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा ट्रांसमिसिबल है. भारत में पहली बार देखे गए डेल्टा वैरिएंट के पूरी दुनिया में भारी मात्रा में मामले देखे गए थे. अब कहा जा रहा है कि ओमीक्रॉन डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा रफ्तार के साथ फैलता है.
मरने वालों की संख्या
ब्रिटेन में सोमवार को ओमीक्रॉन से होने वाली पहली मौत दर्ज की गई. इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं की जा सकी है कि ओमीक्रॉन गंभीर बीमारी का कारण बनता है. विश्वस्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को बताया कि पिछले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन के मामलों में भारी उछाल देखा गया है लेकिन पिछली लहरों के मुकाबले मरने वालों का आंकड़ा कम है.
दक्षिण अफ्रीका में तबाही मचा रहे ओमीक्रॉन का ज्यादा खतरा उन लोगों के लिए है जिन्हें कोरोना वैक्सीन नहीं लगी है. कुछ दिनों पहले देश के स्वास्थ्य मंत्री एडविन डिकोलोटिक ने देश को बताया कि जो लोग ओमीक्रॉन से संक्रमित होने के बाद गंभीर अवस्था में पहुंच रहे हैं वे वही लोग हैं जिन्हें कोरोना टीका नहीं लगा है.
भारत में ओमीक्रॉन का हाल
भारत में अब तक ओमीक्रॉन के कुल 61 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. देश में ओमीक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. देश में ओमीक्रॉन के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं, जहां इनकी संख्या अभी 28 है. वहीं राजधानी दिल्ली में ओमीक्रॉन 6 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है. राजस्थान में नए वैरिएंट के 17 और गुजरात में 4 मामले मिले हैं.
दिल्ली में ओमीक्रॉन से संक्रमिट 4 मरीज एसिम्टोमेटिक हैं यानी इनमें किसी तरह के कोई लक्षण नहीं देखने को मिले हैं. लोक नायक जय प्रकाश नारायण के डॉक्टर सुरेश कुमार ने यह जानकारी दी है. संक्रमित हुए दो मरीज ब्रिटेन से यात्रा कर लौटे थे और दो उनके संपर्क में आए थे.
चेन्नई में छह लोगों को ओमीक्रॉन के खतरे को देखते हुए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. नाइजीरिया से दोहा के रास्ते होकर चेन्नई आए एक 47 साल का व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव पाया गया और उसमें एस-जीन ड्रॉप भी देखा गया जो ओमीक्रॉन के संकेत देता है. यात्रा कर के लौटे व्यक्ति के 5 रिश्तेदार भी पॉजीटिव पाए गए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
महाराष्ट्र में मंगलवार को ओमीक्रॉन के 8 मामले सामने आए जिसके बाद राज्य में कुल ओमीक्रॉन मामलों की संख्या 28 तक पहुंच गई है. सामने आए नए 8 मामलों में से किसी ने हाल ही में यात्रा नहीं की है. संक्रमितों में तीन महिलाएं शामिल हैं.
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नीति आयोगी की चेतावनी
नीति आयोग के सदस्य व कोविड वर्कफोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने कहा है कि हम ओमीक्रॉन से जुड़ी स्थिति को देख रहे हैं. दुनिया इसके विज्ञान को समझने की कोशिश कर रही है. वीके पॉल ने कहा है कि भारत के पास ऐसा वैक्सीन प्लेटफॉर्म होना चाहिए जो वायरस के बदलते स्वरूप के साथ ‘त्वरित अनुकूलनीय’ हों.
नीति आयोग के वीके पॉल ने कहा है कि नए वैरिंएट पर वैक्सीन का प्रभाव कम होता दिख रहा है. उन्होंने अपने बयान में चिंता जाहिर करते हुए बताया है कि आने वाले समय में और भी वैक्सीन की जरूरत पड़ सकती है.
इसके अलावा ब्रिटेन के एक्सपर्ट भी ये मान चुके हैं ओमीक्रॉन पर कोविशील्ड कम असरदार है. इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी वैक्सीन के असर को लेकर यही चिंता जाहिर की है.
एक्सपर्ट की राय
दुनियाभर के एक्सपर्ट तमाम देशों को चेतावनी दे रहे हैं कि ओमीक्रॉन एक बड़ा खतरा पैदा कर सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि ओमीक्रॉन का स्वास्थ्य प्रणाली पर बुरा असर देखने को मिल सकता है.
दक्षिण अफ्रीकी डीएसआई-एनएसएफ सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन एपिडेमियोलॉजिकल मॉडलिंग एंड एनालिसिस के निदेशक जूलियट पुलियम के पूर्वानुमान के मुताबिक, कोरोना का ओमीक्रॉन वैरिएंट भारत में तेजी से फैलेगा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि पहले कोरोना वायरस से रिकवर हो चुके लोगों में इसके लक्षण हल्के देखने को मिलेंगे.
अमेरिका के टॉप हेल्थ एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि हाल ही में देखा गया ओमीक्रॉन वैरिएंट तेजी से फैल रहा है और यह जनवरी तक संक्रमित मामलों की नई लहर का कारण बन सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक हफ्ते में ओमीक्रॉन के मामलों में सात गुना उछाल देखने को मिला है. पहले डेल्टा वैरिएंट से जूझ रही स्वास्थ्य व्यवस्था पर इसका बुरा असर देखने को मिलेगा.
ओमीक्रॉन को लेकर भारत की सतर्कता
ओमीक्रॉन के खतरे को देखते हुए इंटरनेशनल कमर्शियल फ्लाइट्स पर लगी रोक को अब 31 जनवरी के लिए बढ़ा दिया गया है. केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं का सामान्यीकरण ओमीक्रॉन के परिदृश्य पर निर्भर करेगा.
सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर कोरोना प्रोटोकॉल के पालन को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है. इसके अलावा अलग-अलग राज्य लगातार ओमीक्रॉन की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. गुजरात सरकार ने कई देशों के हवाई अड्डों से सफर कर राज्य में आने वालों के लिए आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य कर दिया है.
यूरोप, ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, हांगकांग से हवाई अड्डों पर उतरने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है.
महाराष्ट्र सरकार ने भी एयरपोर्ट कोरोना जांच बढ़ा दी है.
इसके अलावा ओमीक्रॉन संक्रमितों का पता लगने के बाद तुरंत उन्हें क्वारंटीन कराया जा रहा है. उनके संपर्क में आए लोगों की जांच भी की जा रही है. देश में ओमीक्रॉन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए टीकाकरण की गति बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वैक्सीन ले चुके लोगों में इसके लक्षण हल्के रहते हैं.
एंटीबॉडी से पूरी तरह बचकर नहीं निकलता ओमीक्रॉन
हाल ही में की गई एक नई स्टडी में बताया गया है कि ओमीक्रॉन पिछले कोरोना संक्रमण से पैदा हुई या टीकों की एंटीबॉडी से पूरी तरह बचने में कामयाब नहीं है.
इस रिसर्च को करने वाले शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में SARS-CoV-2 वायरस वैरिएंट के म्यूटेंट के आधार पर इसकी सरंचना के बारे में जानने के लिए आर्टिफिशियल टूल का इस्तेमाल किया है, जिसमें यह जानने की कोशिश की कि यह वायरस एंटीबॉडी के साथ कैसा व्यवहार करता है.
bioRxiv नाम के एक सर्वर पर पोस्ट की गई इस स्टडी में पाया गया कि ओमीक्रॉन वैरिएंट कुछ एंटीबॉडी के संपर्क में आने पर कमजोर पड़ सकता है, लेकिन इसका असर पूरी तरह से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बचने के लिए पर्याप्त नहीं है.
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