बर्लिन: एस्ट्राजेनेका का कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के बाद खून के थक्के जमने के गंभीर मामले सामने आने के बाद जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन ने सोमवार को इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी. हालांकि कंपनी तथा यूरोपीय नियामकों का कहना है कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह बताता हो कि ऐसी घटनाएं इस टीके के कारण हुई हैं.
यूरोपीय संघ की औषधि नियामक एजेंसी ने एस्ट्राजेनेका के बारे में विशेषज्ञों के निष्कर्षों की समीक्षा के लिए बृहस्पतिवार को बैठक बुलाई है.
एस्ट्रोजेनेका की ओर से कहा गया कि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में करीब 1.7 करोड़ लोगों को यह टीका लगाया गया है और इस समूह में रक्त के थक्के जमने के 37 मामले हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूरोपीय संघ की यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी ने भी कहा कि ये आंकड़े यह नहीं बताते कि खून के थक्के जमने और टीका लगने के बीच कोई संबंध है.
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि फ्रांस में एस्ट्राजेनेका कोरोनावायरस टीके का इस्तेमाल एहतियात के तौर पर निलंबित किया जा रहा है.
जर्मनी ने भी एस्ट्राजेनेका कोविड टीके के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में आई खबरों के बाद इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी. सरकार ने कहा है कि टीका लगाने वालों के शरीर में रक्त के थक्के जमने की खबरों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया.
ब्रिटिश स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ब्रिटेन के दवा नियामक ने कहा है कि कोविड-19 से सुरक्षा के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित टीका सुरक्षित है और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इन टीकों के कारण रक्त का थक्काकरण हुआ है जैसा कुछ यूरोपीय देशों से खबर आई है.
यह बयान तब आया है जब रक्त थक्काकरण की खबरों के बाद नीदरलैंड ऑक्सफोर्ड/एस्ट्रोजेनेका का इस्तेमाल निलंबित करने वाला एक और देश बन गया.
इससे पहले आयरलैंड, बुल्गारिया, डेनमार्क, नार्वे और आइसलैंड ने रक्त थक्काकरण को लेकर चिंताएं सामने आने के बाद एहतियात के तौर पर इस टीके पर रोक लगा दी थी.
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