मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के मामलों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी को विशेषज्ञ इस साल मध्य जनवरी में ग्राम पंचायत के हुए चुनाव और आम लोगों के साथ नेताओं द्वारा कोविड-19 से जुड़े नियमों के पालन में बरती ढिलाई से जोड़कर देखते हैं.
राज्य में बृहस्पतिवार को संक्रमण के 14,317 मामले आए जो कि 2021 में सबसे ज्यादा मामले हैं और पिछले साल सात अक्टूबर के बाद से यह शीर्ष आंकड़ा है. बृहस्पतिवार रात को संक्रमितों की कुल संख्या 22,66,374 हो गयी.
नागपुर के बाद अकोला में भी लॉकडाउन
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र के अकोला में आज रात आठ बजे से संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का एलान कर दिया गया है. यह लॉकडाउन आज रात 12 बजे से सोमवार सुबह आठ बजे तक रहेगा.
नागपुर में पहले ही एक हफ्ते का लॉकडाउन लगा दिया गया है. इसके बाद अकोला और पुणे में भी. हालांकि पुणे में फिलहाल नाइट कर्फ्यू लगाया गया है.
इसके अलावा मुंबई, पुणे और ठाणे ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा इलाके समेत विभिन्न शहरों और नगरों में मामले बढ़े हैं. संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य के कई शहरों और जिलों में लॉकडाउन या विभिन्न पाबंदी लगायी गयी है.
पुणे में रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा. 31 मार्च तक स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे. इसके अलावा होटल और बार रात दस बजे से सुबह छह बजे तक बंद रहेंगे.
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने परभानी जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नाइट कर्फ्यू की घोषणा की है. उन्होंने कहा, ‘ हमने वहां आज रात 12 बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है. हमारी परभानी जिले और आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों से अनुरोध है कि सरकार के इस फैसले पर अपना सहयोग दें.
बता दें कि देश में तेजी से एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं. पिछले 24 घंटे में 23,000 से अधिक मामले सामने आए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में मौजूदा समय में कोरोना के जितने मामले हैं तो उनमें से 71.69 फीसदी मामले महाराष्ट्र और केरल से ही हैं. केंद्र सरकार इन राज्यों पर खास नजर बनाए हुए हैं.
जबकि पुणे में बढ़ते मामले को देखते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने काउंसिल हॉल में एक मीटिंग की जिसमें जिला प्रतिनिधि के साथ साथ, सांसद, विधायक और मेयर भी उपस्थित रहे. जिसके बाद वहां भी लॉकडाउन की घोषणा की गई.
Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar holds a meeting at Council Hall to review #COVID19 situation in Pune. District representatives, MPs, MLAs and Mayor also present. pic.twitter.com/uGcBvmVCd8
— ANI (@ANI) March 12, 2021
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12000 गांवों में हुए हैं पंचायत चुनाव
महाराष्ट्र में 21 फरवरी को संक्रमितों की संख्या 21 लाख के पार हो गयी. ठीक एक महीने पहले (21 जनवरी को) संक्रमण के 20,00,878 मामले थे.
राज्य में छह मार्च को संक्रमितों की संख्या 22,08,586 हो गयी और पिछले छह दिनों में (बृहस्पतिवार शाम तक) संक्रमण के 57,788 मामले आए.
कोविड-19 प्रबंधन पर महाराष्ट्र सरकार के सलाहकार डॉ. सुभाष सालुंके ने कहा, ‘लोगों की सघन जांच होनी चाहिए और संक्रमितों के संपर्क का पता लगाना चाहिए. संक्रमण की रोकथाम के लिए ये दो बुनियादी चीजें हैं.’
उन्होंने कहा कि किसी भी संक्रमित व्यक्ति का जल्द पता लगाया जाए और उसे पृथक-वास में भेजा जाए. जितनी जल्दी से यह काम होगा स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी.
उन्होंने कहा कि मध्य जनवरी में ग्राम पंचायत के दौरान जमावड़ा बढ़ने की वजह से फरवरी में कोविड-19 के मामले बढ़ने लगे.
सालुंके ने कहा, ‘जनवरी के तीसरे सप्ताह में 12,000 गांवों के ग्राम पंचायत चुनाव के परिणाम आए थे. इसके बाद जीतने वाले उम्मीदवारों ने अपने-अपने गांव में जमावड़ा किया और इस दौरान मास्क पहनने और सामजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन नहीं हुआ.’
मुंबई के एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, ‘जनवरी और फरवरी में राजनीतिक दलों ने रैलियां की. कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख के तौर पर नाना पटोले की नियुक्त के बाद भी बड़ी रैली की गयी थी.’
उन्होंने कहा कि पटोले ने मुंबई में बड़ी रैली की थी और वह नागपुर समेत कई स्थानों पर गए थे जहां पार्टी के कार्यकर्ताओं, समर्थकों ने मास्क पहनने और उचित दूरी के नियमों का पालन नहीं किया. इसी तरह तत्कालीन वन मंत्री संजय राठौड़ ने वासिम और यवतमाल जिलों में शक्ति प्रदर्शन किया था. पटोले और राठौड़ इस तरह के जमावड़ा से बच सकते थे लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया.
महाराष्ट्र पीएससी की परीक्षा 21 मार्च को होगी
महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा 21 मार्च को होगी. आयोग ने शुक्रवार को यह घोषणा की.
पहले यह परीक्षा आगामी रविवार को होने वाली थी, लेकिन एमपीएससी ने कोविड-19 संबंधी हालात के मद्देनजर बृहस्पतिवार को इसे स्थगित कर दिया था. परीक्षा स्थगित करने की घोषणा राहत एवं पुनर्वास विभाग ने एक सर्कुलर में की थी लेकिन छात्रों ने इसका विरोध किया. विपक्षी भाजपा के साथ-साथ सत्तारूढ़ गठबंधन कांग्रेस और राकांपा के नेताओं ने भी इस फैसले की आलोचना की.
इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार शाम को घोषणा की कि परीक्षा अब 22 मार्च को होगी.
हालांकि आयोग ने कहा, ‘परीक्षा अब 21 मार्च को पूरे राज्य में उन्हीं केंद्रों में होगी. जिन छात्रों को 14 मार्च को निर्धारित परीक्षा के लिए हॉल टिकट मिल चुके हैं वे 21 मार्च को परीक्षा में बैठ सकेंगे.’
आयोग ने यह घोषणा भी की कि 27 मार्च और 21 अप्रैल को होने वाली दो अन्य परीक्षाएं भी निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगी. प्रारंभिक परीक्षा पहले पिछले वर्ष अप्रैल में होनी थी लेकिन कोविड-19 के कारण यह बार-बार टलती गई.
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