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Saturday, 2 November, 2024
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कोविड के कारण बढ़ी नींद से जुड़ी बीमारियां, कैसे बदल रहा है हमारा स्‍लीप पैटर्न?

संक्रमण के तीव्र चरण के दौरान, यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोग नींद की गड़बड़ी का अनुभव कर सकते हैं. कोशिश करें कि खराब तरीके से सोने या सोने में अधिक समय लेने से निराश न हों.

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न्यूकैसल: महामारी के शुरुआती चरणों के दौरान और विशेष रूप से लॉकडाउन और घर में रहने की बंदिशों के लागू होने के दौरान, कई लोगों को नींद और नींद के पैटर्न में खलल की समस्या हुई. जैसे-जैसे कोविड संक्रमण के मामले बढ़े हैं, हम फिर से लोगों में नींद खराब होने की शिकायत देख रहे हैं.

कुछ लोग अनिद्रा के लक्षणों की शिकायत करते हैं, जिसमें उन्हें नींद नहीं आती, इसे आमतौर पर ‘कोरोनासोमनिया’ या ‘कोविड अनिद्रा’ के रूप में जाना जाता है. अन्य लोग लगातार थकान महसूस करते हैं और उन्हें लगता है कि वे पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं, इसे कभी-कभी ‘लॉन्ग कोविड’ कहा जाता है.

तो हमारी नींद कोविड संक्रमणों से क्यों प्रभावित होती है, और अलग अलग लोगों में इसके प्रभाव इतने भिन्न क्यों होते हैं?

नींद और रोग प्रतिरोधक क्षमता

जब हमारा शरीर वायरस से संक्रमित होता है तो यह एक प्रतिरक्षा या प्रदाह प्रतिक्रिया का कारण बनता है. इस प्रतिक्रिया के हिस्से के रूप में, हमारी कोशिकाएं संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए साइटोकिन्स जैसे प्रोटीन का उत्पादन करती हैं. इनमें से कुछ साइटोकिन्स नींद को बढ़ावा देने में भी शामिल हैं और इन्हें ‘नींद नियामक पदार्थ’ के रूप में जाना जाता है. इस तरह, जब हमारे शरीर में इन साइटोकिन्स की अधिक मात्रा होती है, तो यह हमें नींद में ले जाता है.

हालांकि यह थोड़ा और जटिल हो जाता है, क्योंकि कई चीजों की तरह, नींद और प्रतिरक्षा दोनो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. इसका मतलब है कि नींद, विशेष रूप से खराब नींद, प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकती है, और प्रतिरक्षा कार्य नींद को प्रभावित कर सकता है. नींद के दौरान, विशेष रूप से गहरी नींद की अवस्था के दौरान, कुछ साइटोकिन्स के उत्पादन में वृद्धि होती है. जैसे, नींद प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाती है जिससे हमारे संक्रमण से बचने की संभावना बढ़ सकती है.

नींद और कोविड

जबकि हम अभी भी नींद पर कोविड के विशिष्ट प्रभावों के बारे में सीख रहे हैं, हम इस बारे में जानते हैं कि अन्य वायरल संक्रमणों का नींद पर क्या असर होता है.

स्वस्थ वयस्कों में राइनोवायरस संक्रमण, या ‘सामान्य सर्दी’ पर काम करने वाले एक अध्ययन में पाया गया कि जिन व्यक्तियों में रोग के लक्षण होते हैं, उनकी नींद की अवधि कम होती है, कम समेकित नींद होती है, और बिना लक्षणों वाले व्यक्तियों की तुलना में खराब संज्ञानात्मक प्रदर्शन होता है.

श्वसन संक्रमण वाले लोगों को देखने वाले एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि रोग के लक्षण होने पर, लोगों ने बिस्तर पर अधिक समय बिताया और उनके सोने के समय में वृद्धि हो गई, लेकिन उन्हें नींद ठीक से नहीं आई. लोगों ने सोने में कठिनाई, नींद की खराब गुणवत्ता, अधिक बेचैन नींद और अधिक ‘हल्की’ नींद की भी सूचना दी.

एक और हालिया अध्ययन में पाया गया कि कोविड के रोगियों ने बिना कोविड के रोगियों की तुलना में सोने में अधिक परेशानी की सूचना दी.


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कोविड अनिद्रा और लंबा कोविड

जबकि कोविड जैसे वायरल संक्रमणों के साथ नींद में बदलाव हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण होने की संभावना है, यह संभव है कि नींद की गड़बड़ी, जैसे खंडित नींद और बार-बार जागना, नींद की खराब आदतों का कारण बन सकता है, जैसे कि रात में फोन इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग करना .

रात के समय कम सोने से कुछ लोगों को दिन में बार-बार झपकी आ सकती है, जो रात के समय की नींद को और प्रभावित कर सकता है. और अधिक समय तक सो जाना, या रात में जागना और दोबारा सो जाने के लिए संघर्ष करने से नींद न आने के कारण निराशा हो सकती है.

ये सभी कारक, या तो स्वतंत्र रूप से या एक-दूसरे के संयोजन में, अनिद्रा के लक्षण पैदा कर सकते हैं जो कोविड वाले लोग अनुभव कर रहे हैं. अल्पावधि में, अनिद्रा के ये लक्षण वास्तव में कोई बड़ी समस्या नहीं हैं. हालांकि, अगर खराब नींद की आदतें बनी रहती हैं तो इससे अनिद्रा का रोग हो सकता है.

दूसरी तरफ, ऐसे लोग हैं जो लंबे समय तक कोविड का अनुभव करते हैं, जहां वे लगातार थके हुए होते हैं, भले ही कोविड संक्रमण से उबर जाने के बाद वह पर्याप्त नींद ले रहे हों. दुर्भाग्य से, यह निर्धारित करने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है कि वायरल संक्रमण के बाद कुछ लोगों को थकान का अनुभव क्यों होता है, लेकिन यह अत्यधिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण हो सकता है.

आनुवांशिकी, अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं और मनोदशा संबंधी विकार जैसे चिंता संभावित कारण हैं कि क्यों कुछ लोगों को ‘कोविड अनिद्रा’ का अनुभव होता है, जबकि अन्य में ‘लंबे समय तक कोविड’ विकसित होने की संभावना अधिक होती है. कोविड के साथ खराब नींद के कारणों को पूरी तरह से समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है.

कोविड के कारण नींद में आने वाली रुकावटों से कैसे निपटें

संक्रमण के तीव्र चरण के दौरान, यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोग नींद की गड़बड़ी का अनुभव कर सकते हैं. कोशिश करें कि खराब तरीके से सोने या सोने में अधिक समय लेने से निराश न हों.

जब आप बेहतर महसूस करने लगें, तो अपने नियमित, कोविड से पहले के सोने और जागने के पैटर्न पर वापस जाने का लक्ष्य रखें, और दिन के समय झपकी लेने से बचें. कोशिश करें कि जब आप बिस्तर पर हों तो घड़ी की तरफ देखने से बचें और नींद आने पर ही बिस्तर पर जाएं. रात में कमरे में रौशनी कम रखें और सुबह में बाहर निकलकर उजाले में कुछ देर रहने की आदत बनाएं. यह आपको सामान्य दिनचर्या में तेजी से वापस लाने में मदद करेगा.

नींद में सुधार कैसे करें और अनिद्रा के रोग से बचने के बारे में अधिक सुझावों के लिए, स्लीप हेल्थ फाउंडेशन के पास विशेष रूप से कोविड और नींद के लिए समर्पित कुछ संसाधन हैं. यदि आप अभी भी कोविड संक्रमण के बाद अनिद्रा या अत्यधिक नींद से जूझ रहे हैं, खासकर यदि कुछ महीने हो गए हैं, तो अपने डाक्टर से मिल लेना अच्छा होगा जो आपको अधिक विशिष्ट सलाह दे सकता है और अधिक परीक्षण की आवश्यकता होने पर इस संबंध में काम कर सकता है.

जेम्मा पाएच, न्यूकैसल विश्वविद्यालय

(यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.)


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