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Thursday, 21 November, 2024
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केरल के जैकफ्रूट365 आटे में कोई एलोपैथिक दवा नहीं, लैब टेस्ट में कुछ नहीं मिला

व्हाट्सएप पर सर्कुलेट हो रही लैब रिपोर्ट में कहा गया था मधुमेह को नियंत्रित करने वाले न्यूट्रास्युटिकल—भोजन या भोजन का ऐसा हिस्सा जो चिकित्सकीय तौर पर लाभप्रद हो—में मेटफॉर्मिन था. जबकि न्यूट्रास्युटिकल्स में एलोपैथिक दवाएं नहीं होनी चाहिए.

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नई दिल्ली: सेहत के लिए लाभकारी होने दावों के साथ बिक रहे कटहल के आटे के ब्रांड जैकफ्रूट365 की जांच के दौरान इसमें एलोपैथिक दवा का कोई अंश नहीं पाया गया है. इस लैब टेस्ट के नतीजे कृष्ण कुमार टीएस ने दिप्रिंट के साथ साझा किए हैं जो दवाओं के परीक्षण के लिए तिरुवनंतपुरम स्थित सरकारी लैब में एक विश्लेषक के तौर पर काम करते हैं, जहां इसका टेस्ट किया गया था.

इससे पहले, व्हाट्सएप पर सर्कुलेट हो रही एक लैब रिपोर्ट से संकेत मिल रहा था कि इस उत्पाद में मेटफॉर्मिन पाया गया है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक दवा है.

केरल के उत्पाद जैकफ्रूट365 के तहत कटहल का आटा मधुमेह को नियंत्रित करने वाले एक न्यूट्रास्युटिकल के रूप में बेचा जाता है. परिभाषा की बात करें तो किसी न्यूट्रास्युटिकल— भोजन या भोजन का ऐसा हिस्सा जो चिकित्सकीय तौर पर लाभप्रद हो—में कोई भी एलोपैथिक दवा नहीं होनी चाहिए. न्यूट्रास्युटिकल्स के लिए मंजूरी की प्रक्रिया भी पारंपरिक दवाओं की तुलना में कम सख्त है.

हालांकि, किसी अज्ञात व्यक्ति की तरफ से कराई गई जांच की एक लैब रिपोर्ट डॉक्टरों के विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप में सर्कुलेट हो रही थी, जिससे ऐसा लग रहा था इस आटे के एक सैंपल में मेटफॉर्मिन पाया गया था. टेस्ट कराने वाले व्यक्ति की पहचान नहीं की दी गई थी क्योंकि 11 अक्टूबर की इस रिपोर्ट की फोटो और नाम ब्लैक आउट किया गया था.

कृष्ण कुमार ने पहले दिप्रिंट से पुष्टि की थी कि रिपोर्ट की फोटो फर्जी नहीं थी और उस व्यक्ति द्वारा टेस्ट के लिए भेजे गए सैंपल में वास्तव में मेटफॉर्मिन पाया गया था.

हालांकि, उन्होंने कहा था कि यह पता लगाने का कोई तरीका नहीं है कि सैंपल कैसे एकत्र किया गया था और कहीं इसे लैब में भेजे जाने से पहले तो मिलावट नहीं की गई थी, और इस प्रकार रिपोर्ट का कोई कानूनी आधार नहीं है.

लैब ने मानक प्रक्रिया के मुताबिक फॉलोअप कार्रवाई की, जिसमें टेस्ट के दौरान नमूने में मेटफॉर्मिन को नकारात्मक पाया गया.

पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पोर्टल लिंक्डइन पर एक पोस्ट में जैकफ्रूट365 के संस्थापक जेम्स जोसेफ ने उत्पाद का बचाव करते हुए कहा कि इसमें केवल कटहल का आटा ही है.


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‘100 फीसदी कच्चे हरे कटहल का इस्तेमाल’

उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘जैकफ्रूट365 में इस्तेमाल एकमात्र सामग्री हरे कटहल का आटा ही है जैसा कि इसके पैकेट में घोषित तौर पर प्रकाशित किया गया है. इसे 100 फीसदी परिपक्व कच्चे हरे कटहल से बनाया गया है, जिसमें कोई एडिटिव या फ्लेवर नहीं है. यह चावल या गेहूं की तुलना में कम कार्बोहाइड्रेट व कैलोरी और ज्यादा फाइबर के कारण ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है.’

उन्होंने लैब रिपोर्ट का कोई जिक्र किए बिना या फिर इस संदेश को लिंक्डइन पर पोस्ट किए जाने की वजह बताए बगैर कहा, ‘हम पुष्टि करते हैं कि हमारा उत्पाद में केवल कटहल ही है. इसमें कुछ और होने की बात गलत और अवैज्ञानिक है.’

जैकफ्रूट365 एक ऐसी पहल है जिसके तहत गॉड्स ओन फूड सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से बारहमासी कटहल उपलब्ध कराने का वादा किया जाता है. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन पर इसके आटे को लेकर हजारों की संख्या में रिव्यू हैं, जो व्यापक उपभोक्ता आधार को दर्शाते हैं.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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