नई दिल्ली: मोदी सरकार का अनुमान है कि सितंबर महीने में, कोविड-19 वैक्सीन के क़रीब 18-22 करोड़ डोज़ उपलब्ध होंगे, लेकिन इनमें संभवत: ज़ाइकोव-डी वैक्सीन शामिल नहीं होगी, जिसे शुक्रवार को ही आपात इस्तेमाल की मंज़ूरी मिली है.
जहां निर्माता ज़ाइडस कैडिला का कहना है कि ज़ाइकोव-डी, सितंबर अंत या मध्य से भी उपलब्ध हो सकती है, वहीं सरकारी अधिकारियों के अनुसार अभी इसकी ख़रीद की बात करने का समय नहीं आया है.
अगर कोविशील्ड और कोवैक्सीन तथा स्पूतनिक-5 की ख़ुराकें, भारत में घोषित सीमाओं का पालन करती रहीं, तो ये सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा बनीं रहेंगी.
पिछले शुक्रवार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आधीन बायोटेक्नॉलजी विभाग ने एक अधिकारिक बयान में ऐलान किया, कि ज़ाइकोव-डी को आपात इस्तेमाल की मंज़ूरी दे दी गई है. कोविड-19 के खिलाफ ये दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘ख़रीद के बारे में बात करना अभी बहुत जल्दबाज़ी होगी. अभी स्पष्ट नहीं है कि व्यवसायिक उत्पादन कब शुरू होगा, और वो (ज़ाइडस कैडिला) कितनी मात्रा में उत्पादन करने जा रहे हैं…नीति के अनुसार, भारत सरकार देश में निर्मित कोविड-19 वैक्सीन की ही ख़रीद करेगी’.
स्वास्थ्य मंत्री मंसुख मंडाविया और राष्ट्रीय दवा नियामक एजेंसी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) दोनों ने, अलग अलग ट्वीट्स में स्पष्ट किया, कि भारत की टोकरी में अब एक छठी कोविड वैक्सीन आ गई है.
इनमें से तीन वैक्सीन्स (कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक 5) फिलहाल इस्तेमाल में हैं, और बाक़ी वो हैं जो अभी उपलब्ध नहीं हैं, जैसे मॉडर्ना की एमआरएनए वैक्सीन, और जॉनसन एंड जॉनसन (जेएंडजे) की जानसेन वैक्सीन. मॉडर्ना और जेएंडजे दोनों अभी हर्जाने के सवाल से जूझ रही हैं.
'ZyCov-D' is the 6th approved #COVID19 vaccine in India, and the 2nd indigenously developed one.
PM @NarendraModi ji's vision of #AatmanirbharBharat and Make in India delivers another significant accomplishment! (2/2)
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 20, 2021
After evaluation of interim Phase III clinical trial results in consultation with Subject Expert Committee, CDSCO has approved DNA COVID-19 vaccine (ZyCoV-D) of M/s Cadila Healthcare for restricted use in emergency situation in India for 12 years and above.
— CDSCO_INDIA_INFO (@CDSCO_INDIA_INF) August 20, 2021
इस बीच, ज़ाइडस को अभी अपनी वैक्सीन की क़ीमत तय करनी है, और ज़ाइडस समूह के प्रबंध निदेशक डॉ शार्विल पटेल ने शनिवार को कहा, कि इस फैसले को लेने में दो हफ्ते का समय लग सकता है. जहां तक सरकार का सवाल है, ख़रीद का सवाल क़ीमत के साथ जटिलतापूर्वक जुड़ा है.
ख़रीद मॉडलिंग
सरकारी अधिकारियों का कहना है, कि सितंबर में वैक्सीन उपलब्धता के अनुमान, उत्पादन के उन आंकड़ों पर आधारित हैं, जो वैक्सीन निर्माताओं ने पेश किए हैं. हालांकि ये अच्छी ख़ासी बढ़ोतरी है- अगस्त में 20 प्रतिशत इज़ाफे के साथ 15 करोड़ डोज़ के मुक़ाबले, इस बार 46 प्रतिशत हुई है- लेकिन इसका मतलब फिर भी ये होगा, कि 1 करोड़ टीके लगाने का घोषित लक्ष्य, सितंबर में भी पूरा नहीं हो सकेगा. सरकार ने शुरू में दावा किया था, कि ये जुलाई तक हो जाएगा.
एक दूसरे सरकारी अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम 20 करोड़ या उससे कुछ अधिक ख़ुराकों की अपेक्षा कर रहे हैं. 20 करोड़ डोज़ कोविशील्ड और कोवैक्सीन के होंगे, और ऊपर के डोज़ स्पूतनिक या किसी बायो-ई के हो सकते हैं. ज़ाइकोव-डी भी आ सकती है’.
SII की स्पूतनिक टेस्ट ख़ुराकें सितंबर में
सरकार के शीर्ष अधिकारियों का कहना था, कि हर महीने दैनिक टीकाकरण में निरंतर बढ़ोतरी के बावजूद, भारत के टीकाकरण कार्यक्रम के लक्ष्य को हासिल न कर पाने का एक प्रमुख कारण ये है, कि स्पूतनिक 5 का उत्पादन करने में, भारतीय कंपनियों को लॉजिस्टिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, ख़ासकर दूसरे डोज़ में जिसमें पहली ख़ुराक से अलग एडिनोवायरस वेक्टर इस्तेमाल होता है.
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ऊपर हवाला दिए गए दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘लॉजिस्टिक चुनौतियों के कारण स्पूतनिक 5 की पिछली समय सीमाओं का पालन नहीं किया जा सका. नई समय सीमाओं का अंदाज़ा लगाने के लिए, हमने कंपनियों से संपर्क किया है, लेकिन स्पूतनिक 5 वैक्सीन की ख़रीद के लिए, हम अभी कोई समय सीमा नहीं देना चाहेंगे’.
दिप्रिंट ने ईमेल के ज़रिए, समझौते के तहत भारत में स्पूतनिक 5 का उत्पादन करने वाली कंपनियों- पनेशिया बायोटेक, ग्लैण्ड फार्मा, हेटेरो बायोफार्मा, स्टेलिस बायोफार्मा और विरको बायोटेक- से संपर्क करके रूसी वैक्सीन के उस्पादन में आ रही समस्याओं को समझना चाहा, लेकिन इस रिपोर्ट के छपने तक उनका जवाब नहीं मिला था.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, जिसका स्पूतनिक 5 के साथ उत्पादन का क़रार है, के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम (स्पूतनिक 5 के) टेस्ट बैचेज़ सितंबर में शुरू करेंगे’.
फिलहाल ये वैक्सीन्स सिर्फ निजी क्षेत्र में सप्लाई की जा रही हैं, और सरकार की ओर से आयोजित किए जा रहे, मुफ्त टीका अभियानों का हिस्सा नहीं हैं.
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