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Friday, 22 November, 2024
होमहेल्थभारत में आई दूसरी लहर में कोरोना की दवा फैबीफ्लू की बिक्री 600% बढ़कर अप्रैल में ₹351 करोड़ हुई

भारत में आई दूसरी लहर में कोरोना की दवा फैबीफ्लू की बिक्री 600% बढ़कर अप्रैल में ₹351 करोड़ हुई

अप्रैल में कोविड संक्रमण, अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और मौतों के आंकड़े शीर्ष पर पहुंचने के बीच फैबीफ्लू देश में मल्टीविटामिन ड्रग जिंककोविट की जगह सबसे अधिक बिकने वाली दवा बन गई है.

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नई दिल्ली: ग्लेनमार्क की फैबीफ्लू— जो जापानी एंटी-इन्फ्लूएंजा दवा फेविपिरावीर का जेनरिक वर्जन है— अब भारत के फार्मा खुदरा बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाली दवा बन गई है, यह बात डेटा से सामने आई है.

इस दवा— जिसकी आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है और सोशल मीडिया पर लगातार एसओएस कॉल वायरल हो रही हैं—जिसकी बिक्री पिछले एक महीने में 600 प्रतिशत यानि की छह गुना अधिक हो गई है.

भारत में अप्रैल में जब संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने वालों और मौतों का आंकड़ा शीर्ष पर पहुंच गया है, अकेले एक महीने में 351 करोड़ रुपये की बिक्री के साथ फैबीफ्लू ने मल्टीविटामिन दवा जिंकोविट को पीछे छोड़ दिया है.

मार्च में फैबीफ्लू ने 48.3 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की थी जब देश में हर रोज करीब 15,000 मामले दर्ज किए जा रहे थे.

पिछले साल जून में यह दवा लॉन्च किए जाने के बाद से मुंबई स्थित कंपनी ग्लेनमार्क ने 762 करोड़ रुपये का कारोबार किया है, जिसमें से लगभग आधी कमाई पिछले महीने में हुई है.

ऑल इंडियन ओरिजिन केमिस्ट्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स लिमिटेड (एआईओसीडी) के आंकड़े बताते हैं कि फैबीफ्लू पिछले एक साल में अधिकतम सेल वैल्यू (बढ़ते वार्षिक कारोबार) के साथ दवाओं की सूची में सबसे ऊपर है. पिछले महीने में एबोट के इंसुलिन ब्रांड मिक्सटर्ड, ग्लाइकोमेट जीपी, सनोफी के लैंटस और मर्क के जनुमेट जैसी डायबिटीज की दवाओं की बिक्री के साथ ये कंपनियां तीन शीर्ष ब्रांड में शामिल थीं, जिनका बिक्री मूल्य 470 करोड़ रुपये से 550 करोड़ रुपये के बीच रहा.

फैबीफ्लू को प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के तहत वयस्कों में हल्के से मध्यम कोविड-19 के इलाज के लिए इस्तेमाल करने को मंजूरी दी गई थी.


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सेल चार्ट में कोविड की दवाएं शीर्ष पर

अप्रैल में भारत में हर दिन चार लाख से ज्यादा मामले सामने आने के बीच अन्य सबसे अधिक बिकने वाली दवाओं में जिंकोविट, डोलो, मोनोसेफ और बीटाडीन शामिल हैं. ये सभी दवाएं कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल की जाती हैं.

कोविड-19 के इलाज में जिंक टेबलेट को प्रमुखता से शामिल किए जाने के बाद पिछले अक्टूबर से जिंकोविट चार्ट में सबसे ऊपर बनी हुई थी.

एपेक्स लैबोरेटरीज द्वारा निर्मित यह दवा अप्रैल में 93.5 करोड़ रुपये की बिक्री के साथ दूसरे शीर्ष स्थान पर रही.

एआईओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने दिप्रिंट को बताया, ‘प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोविड सेगमेंट के तहत आने वाले उत्पाद बेचने वाली कंपनियों ने अप्रैल महीने में बंपर बिक्री दर्ज की है. इस महीने ब्रांड और कंपनी रैंकिंग में बदलाव नज़र आया है.’

हालांकि, कोविड-19 की एक और चर्चित दवा रेमडिसिविर इस सूची में शामिल नहीं है क्योंकि इसे रिटेल केमिस्ट शॉप पर नहीं बेचा जाता है.


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फार्मा उद्योग पर कोविड का असर

एक तरफ जहां देश कोविड-19 संक्रमण की घातक लहर से जूझ रहा था, घरेलू फार्मा उद्योग ने मार्च की तुलना में इस वर्ष अप्रैल में 51.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. वार्षिक स्तर पर इसने 6 प्रतिशत अधिक कारोबार किया है जबकि तिमाही आधार पर यह वृद्धि 20 प्रतिशत रही है.

रिसर्च फर्म की तरफ से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड लहर ने दवाओं की बिक्री बढ़ाई है जो कि प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इसके इलाज में इस्तेमाल की जाती हैं.

वार्षिक आधार पर बात करें तो यह अप्रैल पिछले साल के अप्रैल की तुलना में काफी बेहतर रहा है जब 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से घोषित लॉकडाउन के कारण फार्मा उद्योग में गिरावट दर्ज की गई थी.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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