मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी में, जो भारत में कोविड महामारी की पहली दो लहरों से ही एक हॉटस्पॉट बनी हुई है, पिछले आठ दिनों में नए मामलों में थोड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है. इससे पहले राज्य सरकार ने सार्वजनिक परिवहन, निजी दफ्तरों और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में प्रतिबंधों में ढील दी थी.
25 अगस्त से, मुंबई में दैनिक कोविड पॉज़िटिव मामले लगातार 300 ज्यादा आ रहे हैं और 1 सितंबर को इसने 400 का आंकड़ा पार कर लिया, जब बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आंकड़ों के अनुसार, शहर में कोविड के 416 नए मामले सामने आए.
कुल मिलाकर, 25 अगस्त से 1 सितंबर के बीच आठ दिनों में मुंबई में 2,910 नए मामले सामने आए, जो उससे पिछले आठ दिनों से 36 प्रतिशत अधिक थे, जब 17 से 24 अगस्त के बीच शहर में 2,135 नए मामले दर्ज किए गए थे.
बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मंगला गोमारे ने दिप्रिंट को बताया, ‘मामलों में ये बढ़ोतरी उस अनलॉकिंग का परिणाम है, जो 15 अगस्त के बाद से हुई है. लेकिन हम इस बढ़ोतरी को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और बेहद सतर्कता बरत रहे हैं. इस बारे में हम पहले ही निगम आयुक्त के स्तर पर एक समीक्षा बैठक कर चुके हैं’.
15 अगस्त से उद्धव ठाकरे सरकार ने पूरे टीके लगवा चुके यात्रियों को लोकल ट्रेनों में चढ़ने और मॉल्स में घुसने की अनुमति दे दी. रेस्तरां, बार्स, मॉल्स, ब्यूटी पार्लर्स, जिम्नेज़ियम्स को रात 10 बजे तक खोलने और निजी दफ्तरों को चौबीसों घंटे पूरी क्षमता पर काम करने की इजाज़त दे दी गई, लेकिन उन्हें अपने शिफ्टों के समय में अंतर रखना था.
15 अगस्त के 2,834 एक्टिव मामलों की संख्या, 1 सितंबर को बढ़कर 3,187 हो गई.
1 सितंबर तक मुंबई में कोविड के 7,44,571 नए मामले और 15,981 मौतें दर्ज हो चुकी हैं.
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गणेश समारोह के नजदीक आई मामलों में बढ़ोतरी
मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हालांकि बहुत ज़्यादा नहीं है लेकिन फिर भी चिंताजनक है क्योंकि ये ऐसे समय हो रही है, जब 10 दिवसीय गणपति समारोह बहुत करीब है जो 10 सितंबर से शुरू हो रहा है.
पिछले साल महामारी की पहली लहर के दौरान मुंबई में कोविड मामलों में सबसे अधिक उछाल, गणपति समारोह के बाद आया था, हालांकि जश्न के स्तर पर प्रतिबंध लगाया गया था.
सितंबर 2020 के पहले 12 दिन में, शहर के कुल कोविड केसलोड में 15 प्रतिशत का उछाल आया था. पिछले वर्ष गणेश समारोह 2 सितंबर को खत्म हुआ था. इस वर्ष भी, बीएमसी ने समारोह पर इसी तरह की पाबंदियां लगाई हैं, जिनमें सार्वजनिक पंडालों में प्रतिमा की अधिकतम ऊंचाई चार फीट और घर में पूजा के लिए दो फीट तक सीमित रखना, जुलूसों की मनाही और श्रद्धालुओं से ऑनलाइन आशीर्वाद लेने का आग्रह आदि शामिल हैं.
पिछले महीने, केरल में ओणम के त्योहार के बाद मामलों में उछाल देखा गया- यही रुझान सूबे में 2020 में भी देखा गया था.
गोमारे ने कहा कि बीएमसी इस साल गणपति के बाद, इसी तरह के उछाल से बचना चाहती है और उसने ट्रेसिंग और टेस्टिंग बढ़ा दी है. उन्होंने कहा कि बीएमसी ने टेस्टिंग बढ़ा दी है, ताकि सकारात्मकता दर को नियंत्रण में लाया जा सके.
सकारात्मकता दर काफी हद तक 1 प्रतिशत से नीचे ही बनी रही है, जो 17 अगस्त से 24 अगस्त के बीच आठ दिनों में 0.7 प्रतिशत से थोड़ा ऊपर उठकर, 15 अगस्त से 1 सितंबर के बीच 0.9 प्रतिशत हो गई.
गोमारे ने आगे कहा, ‘हमने बीएमसी स्टाफ को ये भी निर्देश दिया है कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर ज़्यादा ज़ोर दें, रोकथाम उपायों को ज़्यादा कड़ाई से लागू करें और पांच या उससे अधिक मामलों वाली बिल्डिंग को तुरंत सील कर दें. इसके लिए हमने मुंबई पुलिस से सहायता मांगी है’.
मुंबई में वॉर्ड-स्तर के 24 वॉर रूम्स को भी, जो खासकर दूसरी लहर में महामारी से शहर की लड़ाई में अहम बुनियादी ढांचा हैं, तैयार किया जा रहा है, जिससे कि वो गणपति समारोह के बाद मामलों में आने वाले किसी भी अचानक उछाल को संभाल सकें.
ये वॉर रूम्स किसी भी कोविड पॉज़िटिव मरीज़ के लिए पहला संपर्क रहे हैं, जहां उन्हें अस्पतालों में बिस्तर आवंटित किए जाते हैं.
गोमारे ने कहा, ‘जब मामलों की संख्या कम हो गई थी, तो वॉर रूम सुविधाओं को दूसरे कामों में लगा दिया गया था. लेकिन हमने अपने सभी 24 वॉर्ड्स को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वॉर रूम्स पर्याप्त कार्यबल, एंबुलेंसेज़, चालू टेलीफोन लाइन्स आदि के साथ अपनी पूरी क्षमता पर काम कर रहे हों’.
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