वाशिंगटन : एक अध्ययन के मुताबिक, हेल्दी डाइट प्रोटेस्ट कैंसर के खतरे पर कोई प्रभाव नहीं डालती, लेकिन अनहेल्दी डाइट से प्रोस्टेट कैंसर के तेजी से बढ़ने का खतरा अधिक होता है.
स्टडी का यह निष्कर्ष बीजेयू इंटरनेशनल में छपा है. अध्ययन में 1992 और 1996 के बीच स्पेन में 15,296 पुरुषों के आहार की जांच की गई.
17 वर्षों के इस अध्यनन के दौरान, इन पुरुषों में 609 प्रोस्टेट कैंसर के मामलों की पहचान की गई. आहार को पश्चिमी, प्रूडेंट (सावधानीपूर्वक लिया गया आहार) या भूमध्यसागरीय के रूप में क्लासीफाइड किया गया था. पश्चिमी आहार पैटर्न में उच्च वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट प्रॉसेस्ड मांस, परिष्कृत अनाज, मिठाइयां, कैलोरी पेय, सुविधाजनक खाद्य पदार्थ और सॉस (चटनी) के साथ-साथ कम वसा वाले डेयरी उत्पादों और साबुत अनाज का कम सेवन शामिल था. कम वसा वाले डेयरी उत्पादों, सब्जियों, फलों, साबुत अनाज और रसों का अधिक सेवन प्रूडेंट आहार पैटर्न की खासियत है.
भूमध्यसागरीय आहार में ढेर सारी मछलियां, सब्जियां, फलियां (छीमी), उबले हुए आलू, जैतून और वनस्पति तेल शामिल थे, लेकिन अधिक मात्रा में जूस नहीं.
प्रूडेंट और भूमध्यसागरीय आहार पैटर्न को प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम पर कोई प्रभाव डालने वाला नहीं पाया गया, लेकिन पश्चिमी आहार पैटर्न के साथ नुकसानदेह प्रभाव देखा गया. यह प्रभाव केवल तेजी से फैलने वाले ट्यूमर्स को लेकर देखा गया.
स्पेन में, कार्लोस III इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड सीआईबीईआरईएसपी के प्रमुख लेखक एडेला कैस्टेलो-पास्टर, पीएचडी ने कहा, ‘हमारे नतीजे बताते हैं कि तेजी से फैलने वाले प्रोस्टेट कैंसर को रोकने के लिए अनहेल्दी आहार की आदतों से परहेज करना सबसे अच्छी पोषण रणनीति हो सकती है.’
कार्लोस III इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड सीआईबीईआरईएसपी के को-सीनियर (सह-वरिष्ठ) लेखक मरीना पोलैन, पीएचडी ने कहा, ‘भूमध्यसागरीय आहार की खासियत वाले उत्पाद का पश्चिमी टाइप के आहार उत्पादों के विकल्प के तौर पर सेवन से अन्य पुरानी बीमारियों का खतरा भी कम हो सकता है.’
को-सीनियर लेखक मारिया-जोस, सांचेज, एमडी, पीएचडी, अंडालूसी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में लेक्चरर, ibs.GRANADA में वैज्ञानिक निदेशक और स्पेन में CIBERESP में शोधकर्ता ने कहा, ‘कैंसर और पोषण – या ईपीआईसी में यूरोपीय प्रॉस्पेक्टिव इंवेस्टिगेशन के स्पेनिश समूह या दल की ओर से दी गई जानकारी ने आहार और कैंसर व बाकी पुरानी बीमारियों के बीच संबंधों को लेकर वैज्ञानिक जानकारी सुधारने में योगदान दिया.’
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