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Saturday, 16 November, 2024
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एम. श्रीनिवास – हैदराबाद के ईएसआईसी अस्पताल को नया रूप देने वाले डॉक्टर बने एम्स के नए डायरेक्टर

एम्स, दिल्ली में पेडियाट्रिक सर्जरी के प्रोफेसर, श्रीनिवास हैदराबाद ईएसआईसी में डेप्यूटेशन पर थे, जिसे उन्होंने 'कंक्रीट की दीवारों' से एक व्यस्त अस्पताल में बदल दिया.

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नई दिल्ली: हैदराबाद स्थित ईएसआईसी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के डीन एम. श्रीनिवास को दिल्ली स्थित आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का नया निदेशक नियुक्त किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने शुक्रवार को डॉ. श्रीनिवास को एम्स का नया निदेशक नियुक्त किया. और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी किया है.

डॉक्टर श्रीनिवास, डॉक्टर रणदीप गुलेरिया की जगह लेंगे जो मार्च 2017 से एम्स, दिल्ली के निदेशक हैं.

डॉक्टर श्रीनिवास 2016 में हैदराबाद स्थित ईएसआईसी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज जाने से पहले एम्स, दिल्ली में पेडियाट्रिक सर्जरी (बच्चों की सर्जरी) विभाग में प्रोफेसर थे.

विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने नयी दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक के रूप में डॉक्टर श्रीनिवास की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.

आदेश के अनुसार,‘यह नियुक्ति पदभार संभालने के दिन से पांच वर्ष या 65 साल की आयु या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, तक के लिए प्रभावी है.’

इस संबध में शुरुआती आदेश नौ सितंबर को जारी किया गया था, लेकिन सरकार ने 23 सितंबर को तारीख में बदलाव करते हुए नया आदेश जारी किया.

आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने ‘नयी दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक के पद पर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कार्य विस्तार 25 मार्च, 2022 से प्रभावी है जो छह महीने या अगले निदेशक की नियुक्ति तक, जो भी पहले हो, प्रभावी रहेगा.’

एम्स के निदेशक के रूप में डॉक्टर गुलेरिया के कार्यकाल में दूसरी बार किये गये विस्तार की अवधि 23 सितंबर को समाप्त हो रही है. उन्हें 28 मार्च, 2017 को पांच साल के लिए एम्स, दिल्ली का निदेशक नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उनके कार्यकाल को तीन-तीन महीने के लिए दो बार बढ़ाया गया.

इससे पहले मार्च में एम्स के नये निदेशक के रूप में नियुक्ति के लिए कैबिनेट की नियुक्ति समिति को तीन नाम भेजे गए थे…. एंडोक्रीनोलॉजी विभाग के प्रमुख निखिल टंडन, एम्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख और ऑर्थोपेडिक्स विभाग के प्रमुख राजेश मल्होत्रा और एम्स मे गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के प्रोफेसर प्रमोद गर्ग. तलाश सह चयन समिति ने इन तीन नामों को अंतिम सूची में शामिल किया था, जिसे एम्स के संदर्भ में निर्णय लेने वाली शीर्ष समिति ‘इंस्टीट्यूट बॉडी’ ने मंजूरी दी थी और कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजा था.

हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नियुक्ति समिति ने एम्स, दिल्ली मे निदेशक पद पर नियुक्ति के लिए 20 जून को और नामों के साथ लंबी सूची देने को कहा.

इसके बाद, न्यूरोसाइंस सेटर के प्रमुख एम. वी. पद्म श्रीवास्तव, आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव और पुडुचेरी में स्थित जवाहरलाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉक्टर राकेश अग्रवाल के नामों पर चर्चा हुई.

बाद में स्वास्थ्य सचिव के नेतृत्व वाली तलाश-सह-चायन समिति ने अंतिम सूची में हैदराबाद स्थित ईएसआईसी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के डीन एम. श्रीनिवास और त्रिवेंद्रम स्थित श्री चित्र तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉक्टर संजय बिहारी का नाम शामिल किया.

सूत्रों ने बताया, ‘अंतिम निर्णय के लिए कैबिनेट की नियुक्ति समिति के पास भेजे जाने से पहले डॉक्टर श्रीनिवास और डॉक्टर बिहारी का नाम बुधवार को इंस्टीट्यूट बॉडी के समक्ष रखा गया.’

दिलचस्प बात यह है कि डॉक्टर श्रीनिवास और डॉक्टर बिहारी में से किसी ने भी एम्स, दिल्ली के निदेशक पद पर नियुक्ति का आवेदन नहीं दिया था.

त्रिवेंद्रम स्थित श्री चित्र तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक पद पर अप्रैल, 2022 में नियुक्ति से पहले डॉक्टर बिहारी लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख और प्रोफेसर हुआ करते थे.


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