नई दिल्ली: ड्रग्स जनरल कंट्रोलर (भारत) ने 18 दिसंबर को सभी राज्यों को एक पत्र लिखा और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को दो दवाओं क्लोरफेनिरामाइन मैलिएट और फिनाइलफ्राइन के कॉकटेल का उपयोग करके बनाए गए उत्पादों के पैकेज इंसर्ट को अपडेट करने के लिए कहा.
पत्र के अनुसार, “क्लोरफेनिरामाइन मैलिएट आईपी 2एमजी + फिनाइलफ्राइन एचसीआई आईपी 5एमजी ड्रॉप/एमएल की एफडीसी को प्रोफेसर कोकाटे समिति द्वारा तर्कसंगत घोषित किया गया था और समिति की सिफारिश के आधार पर, इस कार्यालय ने 18 महीने के नीतिगत निर्णय के तहत 17 जुलाई 2015 को एफडीसी के निरंतर विनिर्माण और मार्केटिंग के लिए एनओसी जारी की है.”
पत्र में आगे कहा गया है कि शिशुओं के लिए अस्वीकृत एंटी-कोल्ड ड्रग फॉर्मूलेशन को बढ़ावा देने के बाद चिंताएं सामने आ रही हैं. विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी- पल्मोनरी) की बैठक 6 जून, 2023 को हुई, जिसमें क्लोरफेनिरामाइन मैलिएट आईपी 2एमजी + फिनाइलफ्राइन एचसीएल आईपी 5एमजी ड्रॉप/एमएल के एफडीसी के उपयोग के संबंध में मुद्दे के आलोक में समिति के समक्ष चर्चा की गई.
पत्र में कहा गया है, “समिति ने सिफारिश की है कि एफडीसी का इस्तेमाल 4 साल से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाना चाहिए और तदनुसार कंपनियों को लेबल और पैकेज इंसर्ट पर इस संबंध में चेतावनी का उल्लेख करना चाहिए.”
इस मामले पर बात करते हुए, दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा, “1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए क्लोरफेनिरामाइन मैलिएट + फिनाइलफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड के उपयोग की सिफारिश नहीं की जाती है. 2 से 4 साल के बच्चों के लिए सावधानीपूर्वक उपयोग करें.”
यह निर्णय एसईसी की सिफारिश के बाद लिया गया है और सभी निर्माताओं को लेबल और पैकेज इंसर्ट पर चेतावनियों का उल्लेख करने के लिए निर्देशित किया गया है, “एफडीसी का उपयोग 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाना चाहिए”.
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