scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमहेल्थ3 मिनट में कोविड परिणाम? US FDA ने पहले SARS-CoV-2 सांस परीक्षण के आपात इस्तेमाल को मंज़ूरी दी

3 मिनट में कोविड परिणाम? US FDA ने पहले SARS-CoV-2 सांस परीक्षण के आपात इस्तेमाल को मंज़ूरी दी

InspectIR कोविड-19 ब्रेथलाइज़र टेस्ट सार्स-कोव-2 से संक्रमित सांस के नमूनों में केमिकल कंपाउण्ड्स का पता लगा लेता है. इस टेस्ट को करने के लिए प्रशिक्षित संचालकों की ज़रूरत होती है.

Text Size:

नई दिल्ली: अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कोविड-19 के लिए, दुनिया के पहले सांस परीक्षण को आपात इस्तेमाल की मंज़ूरी दे दी है, जिसके परिणाम तीन मिनट से कम में मिल जाने की अपेक्षा है.

ये जांच, जिसमें छोटे बैग के आकार का एक उपकरण होता है- जो आमतौर से 9x14x22 इंच के बैग जितना बड़ा होता है- अस्पताल से लेकर मोबाइल जांच स्थलों तक, कहीं भी की जा सकती है.

इंस्पेक्टआर कोविड-19 ब्रेथलाइज़र कहा जाने वाला ये टेस्ट, सार्स-कोव-2 से संक्रमित सांस के नमूनों में, केमिकल कंपाउण्ड्स का पता लगा लेता है. इसे किसी लाइसेंसशुदा स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की निगरानी में, किसी योग्य और प्रशिक्षित ऑपरेटर द्वारा ही किया जा सकता है.

बृहस्पतिवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में एफडीए ने बताया, कि टेस्ट को तैयार करने वाली कंपनी इंस्पेक्टआर ने, उपकरण को विकसित करने के लिए नॉर्थ टेक्सस यूनिवर्सिटी के गाइडो वर्बेक के साथ साझेदारी की.

एफडीए ने आगे कहा कि टेस्ट की ‘2,409 लोगों पर हुई एक बड़ी स्टडी में पुष्टि की गई’, जिनमें लक्षण और बिना-लक्षण वाले दोनों तरह के लोग शामिल थे. विज्ञप्ति में कहा गया कि स्टडी में पता चला कि टेस्ट में 91.2 प्रतिशत संवेदनशीलता है- यानी 91.2 प्रतिशत मामलों में इसने पॉज़िटिव नमूनों की सही पहचान की. इसकी विशिष्टता- वो निगेटिव नमूने जिनकी टेस्ट में सही पहचान की गई- 99.3 प्रतिशत पाई गई.

स्टडी में कथित रूप से ये भी पता चला है, कि ऐसी आबादी में जहां केवल 4.2 प्रतिशत लोग वायरस के पॉज़िटिव हैं, टेस्ट की निगेटिव अनुमानित वैल्यू 99.6 प्रतिशत थी. इसका मतलब है कि कम बीमारी वाले इलाक़ों में, जिन लोगों के टेस्ट परिणाम निगेटिव आते हैं, वो संभवत: वास्तव में निगेटिव होते हैं.

तुलना के लिए, रैपिड एंटिजन टेस्ट (रैट) में, जो 15 मिनट में परिणाम दिखा देते हैं, ग़लत निगेटिव्ज़ की ज़्यादा प्रवृत्ति होती है- यानी जिन्हें लक्षण हैं अगर उनके रैट के निगेटिव नतीजे आते हैं, तो पुष्टि के लिए उन्हें एक आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने की ज़रूरत होती है.


यह भी पढ़ें : बूस्टर डोज देने में पिछड़ रहा है प्राइवेट सेक्टर, अधिकारी बोले-स्वास्थ्य प्रणाली हमेशा कोविड मोड में नहीं रह सकती है


तरीक़ा

इंस्पेक्टआर कोविड-19 ब्रेथलाइज़र में एक ऐसी तकनीक इस्तेमाल की जाती है जिसे क्रोमैटोग्राफी गैस मास-स्पेक्ट्रोमेट्री (जीसी-एमएस) कहा जाता है. इस तरीक़े में रसायनिक मिश्रणों के अंशों को अलग करके, निकाली गई सांस में सार्स-कोव-2 संक्रमण से जुड़े कीटोन और एल्डेहाइड के पांच वाष्पशील कार्बनिक मिश्रणों (वीओसीज़) की तेज़ी से पहचान कर ली जाती है.

टेस्ट में जब सार्स-कोव-2 के वीओसी मार्कर्स की मौजूदगी का पता लगता है, तो वो पॉज़िटिव रिज़ल्ट दिखाता है. लेकिन, पॉज़िटिव रिज़ल्ट की आरटी-पीसीआर जैसे किसी मॉलिक्युलर टेस्ट से पुष्टि की जाती है. मॉलिक्युलर टेस्ट वायरल आरएनए के अंशों को बढ़ाकर, वायरल संक्रमण का पता लगाने के लिए जाने जाते हैं.

लेकिन, एफडीए ने चेतावनी दी कि सार्स-कोव-2 संक्रमण को ख़ारिज करने से पहले, निगेटिव नतीजों को किसी व्यक्ति के हालिया संपर्कों, इतिहास, और कोविड-19 के क्लीनिकल संकेतों तथा लक्षणों के संदर्भ में देखना ज़रूरी है.

निगेटिव नतीजे ‘सार्स-कोव-2 संक्रमण को ख़ारिज नहीं करते, और इन्हें एकमात्र आधार बनाकर इलाज या रोगी प्रबंधन से जुड़े फैसले नहीं लिए जाने चाहिएं, जिनमें संक्रमण नियंत्रण निर्णय भी शामिल हैं.’

ये टेस्ट मूल रूप से सांस में मौजूद अवैध ड्रग्स जैसे सैकड़ों वाष्पशील ऑर्गनिक कंपाउण्ड्स का पता लगाने के लिए विकसित किया गया था.

हालांकि इंस्पेक्टआर ने ये ख़ुलासा नहीं किया है, कि वो वाष्पशील ऑर्गनिक कंपाउण्ड्स कौन से हैं जिन्हें उनका उपकरण पकड़ता है, लेकिन स्टडीज़ में पता चला है कि कोविड मरीज़ों के सांस में प्रोपनॉल का स्तर ऊंचा, और एसिटोन का स्तर नीचा होता है.

इंस्पेक्टआर अपेक्षा कर रही है कि वो हर सप्ताह क़रीब 100 उपकरणों का उत्पादन कर पाएगी. हर उपकरण एक दिन में क़रीब 160 नमूनों की जांच कर सकता है. अमेरिकी एफडीए ने कहा कि उत्पादन के इस स्तर पर, इंस्पेक्टआर कोविड-19 ब्रेथलाइज़र की मदद से टेस्टिंग क्षमता में प्रति माह 64,000 नमूनों की वृद्धि की अपेक्षा है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें : दवा-प्रतिरोधी TB का जल्द पता लगाने में सहायक साबित हो सकते हैं ड्रोन्स, ICMR स्टडी में खुलासा


 

share & View comments