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Friday, 20 December, 2024
होमहेल्थओमीक्रॉन की लहर के बाद महामारी की तरह नहीं लौटेगा कोविड-19, लैंसेट की रिपोर्ट में दावा

ओमीक्रॉन की लहर के बाद महामारी की तरह नहीं लौटेगा कोविड-19, लैंसेट की रिपोर्ट में दावा

इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के निदेशक क्रिस्टोफर जेएल मरे के अनुसार, मार्च के अंत तक दुनिया के 50% से अधिक लोग ओमीकॉन वैरिएंट से संक्रमित हो चुके होंगे.

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नई दिल्ली: संभावना है कि दुनिया की 50 प्रतिशत आबादी मार्च महीने तक कोरोनावायरस के ओमीक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो जाएगी. द लैंसट में छपे एक लेख के मुताबिक ऐसे समय में जब महामारी समाप्त हो जानी चाहिए, ऐसी उम्मीद की जा रही है कि कोविड-19 अब फ्लू की तरह एक वायरल बीमारी बनकर रह जाएगी जैसा हाल में देखने को मिला.

19 जनवरी को छपे लेख में वाशिंगटन विश्वविद्यालय इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के निदेशक, के क्रिस्टोफर जेएल मरे के एक शोध केंद्र ने आगे कहा कि ओमीक्रॉन लहर के बाद, ‘कोविड -19 वापस आ जाएगा, लेकिन महामारी नहीं बनेगा.’

मरे ने अपने लेख में कहा, ‘ऐसा पता चलता है कि नवंबर 2021 के अंत और मार्च 2022 के बीच तक दुनिया के 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग ओमीक्रॉन से संक्रमित हो चुके होंगे.’

उन्होंने कहा कि पिछले कोरोनावायरस वैरिएंट्स की तुलना में एसिम्टोमेटिक और हल्के लक्षण वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है इसलिए वैश्विक स्तर पर संक्रमण का पता लगाने की दर 20 प्रतिशत ते घटकर 5 प्रतिशत रह गई है.

इसके अलावा, मरे ने उल्लेख किया कि महामारी के इस चरण में लिए गए मास्क के उपयोग में वृद्धि, टीकाकरण कवरेज का विस्तार या कोविड टीकों की बूस्टर खुराक का ओमीक्रॉन लहर पर सीमित प्रभाव पड़ेगा.

‘भविष्य में ट्रांसमिसन का स्वास्थ्य पर प्रभाव कम होगा’

IHME के ​​अनुमानों के अनुसार, 80 प्रतिशत आबादी के लिए मास्क का उपयोग बढ़ाने से अगले चार महीनों में संचयी संक्रमणों में केवल 10 प्रतिशत की कमी आएगी.

इसके अलावा लेख में कहा गया है, कोरोना टीके का बूस्टर डोज बढ़ाना या उन लोगों का टीकाकरण करना जिन्हें अभी तक टीका नहीं किया गया है, इससे ओमीक्रॉन की वेव पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव होने की संभावना नहीं है क्योंकि जब तक ऐसा किया जाएगा तब तक लहर काफी हद तक खत्म हो जाएगी.

साथ ही यह भी बताया गया है कि केवल उन देशों में जहां ओमाइक्रोन तरंग अभी तक शुरू नहीं हुई है, मास्क के उपयोग का विस्तार अधिक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है. मरे ने साफा किया कि ये सभी चीजें अभी भी लोगों को कोरोना से बचाने के लिए काम करती है. ओमीक्रॉन की लहर इतनी तेज है कि अहले 4-6 हफ्ते में अगर इन सभी चीजों क पालन करें तो इनका बहुत प्रभाव पड़ेगा.

लेख में कहा गया है, भविष्य में के SARS-CoV-2 का प्रभाव पिछले जोखिम के कारण स्वास्थ्य पर कम है. नियमित रूप से एंटीजन, वैरिएंट के लिए टीका या एंटीवायरल या जानकारी रक्षा कर सकते हैं.

मरे ने कहा कि कोविड -19 एक और बार-बार होने वाली बीमारी बन जाएगी जिसे स्वास्थ्य प्रणालियों और समाजों को प्रबंधित करना होगा: ‘उदाहरण के लिए, ओमीक्रॉन से मरने वालों की संख्या ज्यादातर देशों में उत्तरी गोलार्ध के देशों में खराब इन्फ्लूएंजा के मौसम के समान है.

उन्होंने अपने लेख का निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि ओमीक्रॉन की लहर के बाद कोविड-19 वापस आ जाएगा लेकिन एक महामारी के रूप में नहीं.


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